’’भारतीय इतिहास और संस्कृति को पुनर्जीवित करने का आह्वान’’

इतिहास संकलन समिति की प्रांतीय बैठक कोटा में संपन्न

कोटा। इतिहास संकलन योजना के अखिल भारतीय संगठन मंत्री डॉ. बालमुकुंद पांडे ने कहा कि भारतीय इतिहास के कई मान बिंदुओं को आज तक गौण रखा गया है। प्राचीन ऐतिहासिक तथ्यों को दबाने का प्रयास लंबे समय से किया जा रहा है। अब समय आ गया है कि शोध और निरंतर अध्ययन के माध्यम से इन्हें उभारा जाए।

वे गुरुवार को इतिहास संकलन समिति, चित्तौड़ प्रांत की प्रांतीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। कोटा में कोटा विश्वविद्यालय के सभागार में हुई इस बैठक में अखिल भारतीय संगठन मंत्री डॉ. बालमुकुंद पांडे ने सनातन संस्कृति पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति भावना प्रधान और उदारमना है। ऐसे में, उस पर होने वाले प्रहारों का गरिमापूर्ण और शोध आधारित प्रतिकार आवश्यक है। उन्होंने युवा साहित्यकारों और शोधकर्ताओं को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।  

बैठक में उनके साथ राजस्थान क्षेत्र के संगठन मंत्री छगनलाल बोहरा और अध्यक्ष डॉ. मोहनलाल साहू ने भी विचार व्यक्त किए।

प्रांत महासचिव डॉ. विवेक भटनागर ने बैठक का संचालन करते हुए समिति की योजनाओं और प्रगति का ब्योरा प्रस्तुत किया। बैठक में मार्च 2024 में तय किए गए कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। इन योजनाओं के कार्यान्वयन और आगामी कदमों पर गहन चर्चा हुई। प्रांत महासचिव ने बताया कि भारतीय इतिहास को व्यापक दृष्टिकोण से संकलित करने और इसे युवाओं तक पहुंचाने के लिए कई नए प्रस्ताव बनाए गए हैं।

इस अवसर पर चित्तौड़ प्रांत सहित राजस्थान क्षेत्र के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।

’’युवाओं की भागीदारी पर जोर’’  

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय इतिहास और सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए युवाओं को साहित्य, इतिहास और शोध के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इसके लिए विशेष कार्यशालाएं और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।  

भाट उपाध्यक्ष, शर्मा प्रांतीय मंत्री

कोटा के डॉ. शिवकुमार मिश्र के दिल्ली स्थानांतरित हो जाने के कारण उनके स्थान पर कोटा के डॉ. बाबूराम भाट को इतिहास संकलन समिति चित्तौड़ प्रांत का उपाध्यक्ष घोषित किया गया। इसी तरह, भीलवाड़ा के डॉ. रजनीश शर्मा को डॉ. जगदीश चंद्र के स्थान पर प्रांतीय मंत्री नियुक्त किया गया।

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