लखनऊ: दिल्ली जा रही स्लीपर बस में भीषण आग, दो बच्चों समेत 5 की मौत

लखनऊ/मोहनलालगंज। बिहार से दिल्ली जा रही एक स्लीपर बस में शुक्रवार देर रात लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र में किसान पथ पर अचानक भीषण आग लग गई। इस दर्दनाक हादसे में दो बच्चों और दो महिलाओं समेत पांच यात्रियों की मौत हो गई। हादसे के वक्त बस में करीब 70 लोग सवार थे।

लखनऊ (दक्षिण) के डीसीपी निपुण अग्रवाल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आग लगने के बाद बस में पीछे बैठे कुछ यात्री इमरजेंसी गेट न खुलने के कारण बाहर नहीं निकल सके, जिससे उनकी जान चली गई। पुलिस और दमकल विभाग ने तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी।

आग लगने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बस में आग कैसे लगी। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके से साक्ष्य जुटा रही है।

बस का ढांचा ही रह गया
समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि बस पूरी तरह जल चुकी है और सिर्फ़ उसका लोहे का ढांचा बचा है। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ यात्रियों को बाहर निकलने का समय ही नहीं मिला।

अन्य यात्रियों को भेजा गया उनके गंतव्य की ओर
डीसीपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि अन्य बचे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और उन्हें उनके गंतव्यों की ओर रवाना कर दिया गया है। साथ ही घायलों का इलाज लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में चल रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख जताते हुए अधिकारियों को तत्काल जांच करने और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पीड़ितों को हर संभव सहायता मुहैया कराई जाएगी।

मौतों ने यात्रियों की सुरक्षा पर उठाए सवाल
यह घटना एक बार फिर सार्वजनिक परिवहन और स्लीपर बसों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से फायर अलार्म, अग्निशमन यंत्र और इमरजेंसी गेट की नियमित जांच बेहद आवश्यक है, जो अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं।

यह हादसा एक बार फिर दिखाता है कि परिवहन सेवाओं में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी बड़ी त्रासदी को जन्म दे सकती है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ज़रूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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