नई दिल्ली/इंफाल। भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित मणिपुर के चंदेल जिले में भारतीय सेना और असम राइफ़ल्स की संयुक्त कार्रवाई में कम से कम 10 उग्रवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। सेना की ओर से बताया गया है कि यह ऑपरेशन गुप्त खुफिया सूचना के आधार पर किया गया था और अभी भी क्षेत्र में अभियान जारी है।
भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने बुधवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि
“भारत-म्यांमार बॉर्डर के क़रीब न्यू समताल गांव के पास उग्रवादियों की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद 14 मई को ऑपरेशन शुरू किया गया।”
उग्रवादियों ने की फायरिंग, सेना ने दिया करारा जवाब
सेना के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान जब सैनिक इलाके में गश्त कर रहे थे, तभी उग्रवादियों ने पहले फायरिंग शुरू की। जवाबी कार्रवाई में 10 उग्रवादी मारे गए। सेना ने कहा कि
“मुठभेड़ स्थल से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। मारे गए उग्रवादियों की पहचान और संगठन से संबंध की पुष्टि अभी की जा रही है।”
मणिपुर में फिर भड़की हिंसा की आंच
यह मुठभेड़ ऐसे समय में हुई है जब मणिपुर बीते एक साल से जातीय हिंसा, उग्रवादी हमलों और सुरक्षा चुनौतियों से लगातार जूझ रहा है। चंदेल जिला, म्यांमार सीमा से सटा हुआ संवेदनशील क्षेत्र है, जिसे उग्रवादी संगठन अक्सर घुसपैठ और हथियारों की तस्करी के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं।
ऑपरेशन अभी जारी: सेना
सेना ने अपनी पोस्ट में स्पष्ट किया कि “इलाके में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।” सेना के विशेष बल और असम राइफल्स के जवान पूरे क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान में जुटे हुए हैं ताकि कोई भी उग्रवादी बचकर भाग न सके।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
इस मुठभेड़ के बाद राज्य और केंद्र सरकार कड़ी निगरानी मोड पर हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मणिपुर और उससे लगे म्यांमार बॉर्डर क्षेत्रों में घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं और इन्हें रोकने के लिए सीमा चौकियों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
यह ऑपरेशन भारतीय सेना की तेज और निर्णायक कार्रवाई का उदाहरण है जो देश की पूर्वी सीमाओं पर बढ़ते सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए लगातार तत्पर है। सेना का यह ऑपरेशन न सिर्फ घुसपैठियों और उग्रवादियों के लिए चेतावनी है, बल्कि यह स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना को मजबूत करने वाला कदम भी है।
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