
उदयपुर। मेवाड़ क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति दिनोंदिन कमजोर होती जा रही है, और इसका प्रत्यक्ष असर बार एसोसिएशन के चुनावों में भी देखने को मिल रहा है। वकीलों के बीच भा.ज.पा. (बीजेपी) का प्रभाव मजबूत होता जा रहा है, खासकर विधि प्रकोष्ठ और अधिष्ठाता परिषद के माध्यम से। बीजेपी ने वकीलों के समर्थन में अपनी सक्रियता बढ़ाई है और परिणामस्वरूप, बार एसोसिएशन में बीजेपी समर्थित प्रत्याशी जीतने में सफल हो रहे हैं।
कांग्रेस, जो कभी वकीलों और अन्य वर्गों में एक मजबूत राजनीतिक दल मानी जाती थी, अब अपनी पकड़ खोती जा रही है। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी और विचारधारा के लोग अब चुनावों में सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि पार्टी की नीतियाँ और उसकी स्थानीय शाखाएं वकीलों और अन्य समूहों में प्रभावी तरीके से काम नहीं कर पा रही हैं। कांग्रेस ने हर वर्ग में अपनी पकड़ खो दी है, और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण अब बार एसोसिएशन चुनावों में भी देखने को मिल रहा है।
बीजेपी के प्रत्याशियों के बीच में अब मुकाबला केवल बीजेपी के भीतर ही हो रहा है, और कांग्रेस का कोई प्रतिद्वंदी सामने नहीं आ रहा। इससे यह साफ प्रतीत होता है कि मेवाड़ में कांग्रेस का वर्चस्व धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है, जबकि बीजेपी की पकड़ और प्रभाव दिन-ब-दिन मजबूत हो रही है।
बार एसोसिएशन चुनावों में इस बदलाव ने राजनीति और वकीलों के बीच के रिश्तों को एक नया मोड़ दिया है। बीजेपी के प्रभाव से यह स्पष्ट हो रहा है कि राजनीतिक परिवर्तन वकीलों के बीच भी अपनी जगह बना चुका है, और भविष्य में भी बार एसोसिएशन में बीजेपी की भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहने की संभावना है।
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