
किसी अदृश्य धारा की तरह, एक नई कहानी का आगमन हो रहा था। यह कहानी थी उदयपुर टेल्स इंटरनेशनल स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल 2025 की, जो 10 से 12 जनवरी तक राजस्थान के सुंदर शहर उदयपुर में आयोजित होने जा रहा था। इस फेस्टिवल का आयोजन एक ऐसे मंच पर हो रहा था, जहां समय की धारा के पार, कहानियाँ अपना जादू बिखेरने के लिए तैयार थीं।
यह कहानी सिर्फ एक उत्सव की नहीं थी, बल्कि यह एक यात्रा थी, जो दुनिया भर के कहानीकारों को एक साथ लाती। इनमें थे दिव्य निधि शर्मा, एक लेखिका और गीतकार, जिन्होंने टेलीविजन और सिनेमा के पर्दे पर अपनी छाप छोड़ी थी। उनके शब्दों ने न केवल दर्शकों का दिल जीता था, बल्कि लापता लेडीज़ (2023) जैसी फिल्म और कुल्फी कुमार बाजेवाला (2018) और अनुपमा (2020) जैसे शो की कहानी को नया आयाम दिया था। उनके सत्र में वो रहस्य और कहानी की गहरी समझ साझा करने वाली थीं, जो समकालीन कथाओं और पटकथा लेखन के नए पहलुओं को उजागर करती।
फेस्टिवल के दौरान देवदत्त पटनायक के आने की खबर भी थी। पौराणिक कथाओं के माहिर, जिन्होंने प्राचीन भारतीय शास्त्रों को अपनी समझ और कला से जीवित किया था। वे उन कहानियों को प्रस्तुत करने वाले थे, जो न केवल पुराने समय की मूरतें थीं, बल्कि आज के समय में भी अपने गहरे संदेशों से हमें जोड़ती थीं। उनकी उपस्थिति से यह कहानी और भी गहरी हो जाती।
और फिर एक ऐसी कहानी थी, जो शायद सबसे अलग थी – फौजिया दास्तानगो की दास्तानगोई। उर्दू कहानी कहने की इस पारंपरिक कला को उन्होंने फिर से जीवित किया था, और अब वे अपनी कला से इस समृद्ध उत्सव का हिस्सा बनने जा रही थीं। उनके प्रदर्शन से यह सुनिश्चित था कि इस ऐतिहासिक कला रूप की सजीव झलक दर्शकों तक पहुंचेगी।
लेकिन कहानी में केवल ये तीन नाम नहीं थे। फेस्टिवल के मंच पर अपनी कला के रंग बिखेरने के लिए थे अजय कुमार, अहमद फ़राज़, देबजानी, श्वेता नादकर्णी, शिल्पा मेहता, आदित्य कोठाकोटा और कई अन्य कहानीकार, जो अपनी अनूठी और विविध कहानियों के साथ यहां पहुंचे थे। उनकी कहानियाँ जीवन के हर पहलु को उजागर करने वाली थीं – प्रेम, संघर्ष, इतिहास और समाज की जटिलताएँ। साथ ही, विक्की आहूजा, समीर राहत और कुतुबी ब्रदर्स जैसी मशहूर हस्तियाँ भी इस मंच पर अपनी प्रस्तुतियाँ देने वाली थीं, जिससे यह कहानी और भी रोचक और विविध बन जाती।
फेस्टिवल में एक और अनोखी परत थी – पाक कथाएँ। यहाँ की कहानियाँ केवल शब्दों में नहीं, बल्कि स्वाद में भी थीं। भारत के विभिन्न क्षेत्रों के भोजन और उनकी अनूठी कहानियाँ यहां साझा की जा रही थीं। फेस्टिवल विलेज में हस्तनिर्मित वस्तुएँ और लजीज व्यंजन उपस्थित लोगों को एक सांस्कृतिक अनुभव का हिस्सा बनने के लिए बुला रहे थे। हर एक व्यंजन की अपनी कहानी थी, जो इसे बनाने वाले के दिल और परंपरा से जुड़ी हुई थी।
इस अनूठी यात्रा के सह-संस्थापक सलिल भंडारी और सुष्मिता सिंह थे, जिनकी सोच ने इस पूरे उत्सव को आकार दिया था। सलिल भंडारी ने कहा, “कहानीकारों का यह समूह इस उत्सव को समृद्ध करता है। उनकी विविध पृष्ठभूमि और उनकी अनूठी शैली इसे एक अद्वितीय अनुभव बनाएगी।” सुष्मिता सिंह ने भी कहा, “कहानी सुनाना केवल शब्दों का खेल नहीं है, यह हमें जोड़ता है और हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोता है।”
तो अब, 10 से 12 जनवरी, 2025 तक उदयपुर की गलियों में एक नई कहानी का आगमन होने वाला था। यह कहानी एक यात्रा, एक अनुभव, और एक सांस्कृतिक समागम की थी, जो सभी के दिलों में हमेशा के लिए बस जाएगी। उदयपुर टेल्स इंटरनेशनल स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल 2025 का हिस्सा बनें और इस जादू का अनुभव करें।
About Author
You may also like
-
चैंबर ऑफ़ कॉमर्स उदयपुर डिवीजन : उदयपुर में पहली बार आयोजित होगा “क्रिकेट महाकुंभ” — 24 मई से 31 मई तक चलेगा रोमांचकारी रात्रिकालीन मुकाबला
-
प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी डॉ. जयंत नार्लीकर का निधन: विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने वाली आवाज़ शांत हुई
-
प्रोफेसर अली ख़ान महमूदाबाद की गिरफ्तारी…जानिए पूरी कहानी
-
फतहसागर झील में टला बड़ा हादसा : सुझबूझ और धैर्य ने बचाई कई ज़िंदगियां
-
पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन को प्रोस्टेट कैंसर के आक्रामक रूप का पता चला, हड्डियों तक फैला कैंसर, परिवार और चिकित्सक उपचार विकल्पों की समीक्षा में