
उदयपुर। झीलों की नगरी उदयपुर एक बार फिर अपनी ख़ूबसूरती और रूहानियत से भरे संगीत के माहौल में डूबने को तैयार है। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के तआवुन (सहयोग) से वेदांता उदयपुर वर्ल्ड म्यूज़िक फ़ेस्टिवल 2025 का शानदार आग़ाज़ 7 फरवरी से होने जा रहा है। ये महफ़िल सिर्फ़ सुरों और साज़ों की नहीं, बल्कि रवायत (परंपरा) और तहज़ीब (संस्कृति) की भी होगी, जहां दुनिया भर के नामचीन फ़नकार अपने हुनर का जादू बिखेरेंगे।
जहाँ सुर, वहाँ सरहदें बे मायने
इस बार का ये आलमी (अंतरराष्ट्रीय) संगीत मेला 15 से ज़ायद (अधिक) मुल्कों के 22 बैंड्स को एक ही मंच पर ले आएगा। अर्जेंटीना, ईरान, स्वीडन, स्पेन, आइवरी कोस्ट, कुर्दिस्तान, जर्मनी, हंगरी, रीयूनियन आइलैंड जैसे कई मुल्कों के माहिर साज़िंदे और गायक इस मौक़े पर अपनी साज़िश (संगीतकारिता) और फनकारी का नज़ारा पेश करेंगे। वहीं, शान, कर्ष काले, कनिका कपूर, फरीदकोट, सुकृति-प्रकृति, यूफोरिया और वेस्टर्न घाट जैसी भारतीय शख़्सियतें भी इस महफ़िल में चार चांद लगाएंगी।
राजस्थान की रवायतों का एहतिराम (सम्मान)
इस फ़ेस्टिवल का मक़सद सिर्फ़ बेहतरीन तफ़रीह (मनोरंजन) तक महदूद (सीमित) नहीं, बल्कि राजस्थान की गुंबदों से उतरती लोकसंगीत की धड़कनों और पुरानी साज़ों की रवायत को ज़िंदा रखना भी है। ये महोत्सव भारतीय और आलमी मौसीक़ी (संगीत) के बेहतरीन संगम को एक नायाब (अनोखा) अंदाज़ में पेश करेगा।
उदयपुर के तीन हुस्न-ए-नजारा (खूबसूरत) मुक़ामात पर महफ़िलें मां
जी का घाट (8-9 फरवरी, सुबह 8 से 10 बजे): जहाँ सुबह की ठंडी हवा में सूफ़ियाना और सूकून देने वाली मौसीक़ी दिलों को छू जाएगी। फतेह सागर पाल (8-9 फरवरी, दोपहर 3 से शाम 5 बजे): दोपहर की नर्म धूप में आलमी मौसीक़ी का एक बेहतरीन तर्जुमा (मिश्रण) सुनने को मिलेगा। गांधी ग्राउंड (7-9 फरवरी, शाम 6 से रात 10 बजे): जहाँ हर रात मौसीक़ी की बेतरीन परवाज़ होगी और दिलों की धड़कनें सुरों के साथ धड़केंगी।
हिंदुस्तान जिंक का संजीदा (गंभीर) पहल
हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा का कहना है, “मौसीक़ी सिर्फ़ सुरों का मेल नहीं, बल्कि तहज़ीब, मोहब्बत और इत्तेहाद (एकता) की अलामत (प्रतीक) भी है। हम फ़न और संस्क़ाफ़त (संस्कृति) को सरपरस्ती (संरक्षण) देने में हमेशा पेश-पेश रहे हैं, और ये फ़ेस्टिवल उसी मक़सद को आगे ले जाने का एक अहम हिस्सा है।”
संगीत से तरक़्क़ी (विकास) की राह
ये महोत्सव न सिर्फ़ मौसीक़ी के शैदाईयों (प्रेमियों) के लिए लाजवाब तजुर्बा (अनुभव) होगा, बल्कि ये उदयपुर की सियाहत (पर्यटन) और मआशी (आर्थिक) तरक़्क़ी में भी अहम किरदार अदा करेगा। बीते सालों में, ये फ़ेस्टिवल एशिया के सबसे बड़े मौसीक़ी मेलों में शुमार हो चुका है, जिसमें 55,000 से ज़ायद लोग शिरकत करते हैं। इस बार भी सियाहत (पर्यटन) में 10% से ज़ायद इज़ाफ़ा (वृद्धि) होने की उम्मीद है, जो शहर के बाजार, होटल और दस्तकारी (हस्तशिल्प) के कारोबार को फ़ायदा पहुँचाएगा।
मौसीक़ी की सरहदें नहीं होतीं
सेहर के संस्थापक निदेशक संजीव भार्गव ने कहा, “वेदांता उदयपुर वर्ल्ड म्यूज़िक फ़ेस्टिवल एक तारीख़ी (ऐतिहासिक) इवेंट बन चुका है, जो दुनिया की बेहतरीन मौसीक़ी को हिंदुस्तान लाता है और मज़हब, सरहद और ज़बान से परे एक नई जदीद (अद्भुत) दुनिया बनाता है।”
इश्क़-ए-मौसीक़ी में सराबोर होने के लिए तैयार हो जाइए!
हिंदुस्तान जिंक और वेदांता की इस शानदार पेशकश के साथ, दुनिया के बेहतरीन संगीतकार, राजस्थानी सुरों की महक, और सांस्कृतिक धड़कनों का एक ऐसा संगम बनने जा रहा है, जो यादों की संदूक़ में हमेशा महफ़ूज़ (संरक्षित) रहेगा।
तो, दिलों में सुरों की हलचल लिए, उदयपुर की इस जश्न-ए-मौसीक़ी में शामिल होने को तैयार हो जाइए!
About Author
You may also like
-
एसीबी की कार्रवाई में उदयपुर CMHO ऑफिस का अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया
-
मध्यप्रदेश में दो कत्ल और एक सवाल : क्या औरत होना अब भी खता है?
-
हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड ने की समावेशी भाषा गाइडबुक लॉन्च : सम्मान की भाषा, समानता का सफर, सामाजिक और भावनात्मक दस्तावेज़
-
जंगल के बीच एक जीवनदीप : डॉ. जेके छापरवाल और साथियों की 45 वर्षों की मौन साधना
-
माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली CISF की पहली महिला अधिकारी गीता सामोता को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने प्रदान किया राष्ट्रपति प्रशंसा पत्र