सीटीएई के छात्रों ने प्रस्तुत किए अत्याधुनिक प्रोजेक्ट्स, तकनीकी कौशल का दिखाया उत्कृष्ट प्रदर्शन

उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के संघटक कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग (सीटीएई) के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग विभाग में आज अंतिम वर्ष के छात्रों ने नवाचार और तकनीकी दक्षता का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया। छात्रों ने कुल 16 तकनीकी प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया, जिनमें नवीनतम तकनीकों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), सेंसर टेक्नोलॉजी, माइक्रोकंट्रोलर, RFID, और सोलर एनर्जी का प्रयोग किया गया।

उद्योग विशेषज्ञों ने की सराहना

इस तकनीकी प्रदर्शनी में विशिष्ट अतिथि के रूप में सिंघानिया यूनिवर्सिटी से आमंत्रित विषय विशेषज्ञ प्रो. आनंद भास्कर ने भाग लिया। उन्होंने छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडलों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा, “सीटीएई के छात्रों ने जो स्तर प्रस्तुत किया है, वह देश की कई प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ के मुकाबले कहीं अधिक व्यावहारिक और प्रभावशाली है। कुछ प्रोजेक्ट्स यदि इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के सहयोग से और विकसित किए जाएं, तो वे आमजन के लिए वरदान सिद्ध हो सकते हैं।”

प्रमुख प्रोजेक्ट्स की एक झलक

छात्रों द्वारा विकसित प्रोजेक्ट्स तकनीकी नवाचार और सामाजिक उपयोगिता के बेहतरीन उदाहरण थे:

  • पशु आहार नियंत्रण प्रणाली: एक IoT व RFID आधारित युक्ति तैयार की गई, जो पशुओं को दी जाने वाली भोजन की मात्रा को नियंत्रित करती है। इसे दूरस्थ रूप से भी मॉनिटर किया जा सकता है। यह तकनीक मानव रहित गोशालाओं के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकती है।
  • स्मार्ट हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम: इस IoT बेस्ड प्रणाली में QR कोड और RFID का उपयोग कर मरीजों को बिना प्रतीक्षा डॉक्टरों से जोड़ने की तकनीक विकसित की गई। यह प्रणाली न केवल समय की बचत करती है, बल्कि सीमित स्टाफ में बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकती है।
  • मल्टी-लैंग्वेज होम ऑटोमेशन सिस्टम: भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा स्मार्ट होम सिस्टम विकसित किया गया, जो विभिन्न भाषाओं में कार्य करता है और घरेलू उपकरणों को वॉयस कमांड से नियंत्रित करता है।
  • ईएसपी32 आधारित सर्विलांस सिस्टम: एक सुरक्षा प्रणाली जो रियल टाइम निगरानी प्रदान करती है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई।
  • स्मार्ट एनर्जी मीटर: यह मीटर ऊर्जा खपत का सटीक डेटा रियल टाइम में उपयोगकर्ता को भेजता है, जिससे उपभोग की आदतों को बेहतर बनाया जा सकता है।
  • सोलर ऑटोमेटेड ग्रास कटर विद वाटर स्प्रिंकलर: सौर ऊर्जा से चलने वाली यह मशीन स्वतः घास काटने के साथ-साथ जरूरत अनुसार जल छिड़काव भी करती है। यह पर्यावरण और समय, दोनों के लिए उपयोगी तकनीक है।

प्रशासन का प्रोत्साहन

कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. सुनील जोशी ने छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “हर साल हमारे विद्यार्थी नई तकनीक के साथ कुछ नवीन सोच लेकर आते हैं। यह देखकर गर्व होता है कि आज के युवा न केवल सिद्धांतों में पारंगत हैं, बल्कि तकनीकी कार्यान्वयन में भी आगे हैं।”

विभागाध्यक्ष डॉ. नवनीत अग्रवाल ने जानकारी दी कि, “प्रत्येक वर्ष छात्रों को इंडस्ट्री के समीप लाने के लिए ऐसे तकनीकी प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष के कुछ प्रोजेक्ट्स को हम कमर्शियल उपयोग के लिए आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।” उन्होंने सभी फैकल्टी सदस्यों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने छात्रों के साथ निरंतर मार्गदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाई।

उत्कृष्ट भविष्य की झलक

सीटीएई के छात्रों द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट्स न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से उच्च स्तर के थे, बल्कि उनमें सामाजिक उपयोगिता, ऊर्जा संरक्षण, और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की झलक भी स्पष्ट रूप से दिखाई दी। इन प्रोजेक्ट्स में तकनीक को आम जीवन में किस प्रकार उपयोगी बनाया जा सकता है, इसका सटीक उदाहरण देखने को मिला।

प्रदर्शनी में उपस्थित शिक्षकों, तकनीकी विशेषज्ञों और आमंत्रित उद्योग प्रतिनिधियों ने छात्रों को नई प्रेरणा दी और भविष्य में स्टार्टअप इनक्यूबेशन की दिशा में भी काम करने का सुझाव दिया।


सीटीएई के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों ने जिस उत्कृष्टता, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ अपने प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया है, वह न केवल विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है, बल्कि राजस्थान के तकनीकी भविष्य को भी उज्ज्वल करता है।

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