
बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर में रविवार को आयोजित कांग्रेस की ‘जय हिंद सभा’ सेना के सम्मान से शुरू हुई, लेकिन मंच पर जैसे ही कांग्रेस के बड़े नेता पहुंचे, माहौल राजनीतिक हमला-पलटवार में तब्दील हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सांसद रणदीप सुरजेवाला और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने बीजेपी, आरएसएस और केंद्र सरकार पर तीखे आरोप लगाए।
गहलोत का आरोप – तिरंगे से परहेज़, RSS के झंडे को बनाना चाहते हैं राष्ट्रीय ध्वज
अशोक गहलोत ने आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि “इन लोगों को तिरंगे की अहमियत का अंदाजा नहीं। नागपुर में आरएसएस के मुख्यालय पर दशकों तक तिरंगा नहीं लहराया गया। ये वही लोग हैं जिन्होंने तिरंगे का विरोध किया था।”
गहलोत ने कहा कि भाजपा नेताओं को तिरंगे से प्रेम नहीं, बल्कि उन्हें RSS का भगवा झंडा ज्यादा प्रिय है। “इनका बस चले तो तिरंगे को हटा कर संघ का झंडा राष्ट्रीय ध्वज बना दें। जयपुर में इनकी रैली में कार्यकर्ता तिरंगे से मुंह पोंछते देखे गए। क्या यह सम्मान है?”
उन्होंने पाकिस्तान के साथ अचानक हुए युद्धविराम को लेकर भी सवाल खड़े किए। गहलोत बोले, “जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, तब भारत और पाकिस्तान के बीच फायरिंग बंद हो गई। ये फैसला अमेरिका की वजह से हुआ या हमारी सरकार की मर्जी से?”
सुरजेवाला का तंज – सेना जीत रही थी तो युद्ध विराम क्यों?
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए पूछा, “जब भारतीय सेना पाकिस्तान पर भारी थी, तो अचानक युद्ध विराम क्यों हुआ? क्या अमेरिका के कहने पर हमारी विदेश नीति चल रही है?”
उन्होंने कहा, “75 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा अमेरिका से हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार दावा कर रहा है कि ‘मैंने युद्ध रुकवाया’। ऐसे में सवाल उठता है – मोदी सरकार की भूमिका क्या थी?”
सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर रगों में देशभक्ति दौड़ रही है तो व्यापार के लिए समझौते क्यों? प्रधानमंत्री की चुप्पी यह इशारा करती है कि दाल में कुछ काला जरूर है।”
पायलट की दो टूक – सवाल पूछना गुनाह नहीं
सचिन पायलट ने सैनिकों को समर्पित इस सभा में अपने भाषण में कहा कि “जब देश पर संकट आता है, तो सेना के जवान बिना सवाल किए जान की बाज़ी लगाते हैं। लेकिन सरकार से सवाल करना भी देशभक्ति का हिस्सा है।”
पायलट ने कहा कि “हमने यह नहीं पूछा कि आतंकवादी पहलगाम कैसे पहुंचे, पर अगर अमेरिका युद्ध विराम की घोषणा कर दे, तो यह बताना सरकार की जिम्मेदारी है कि किन शर्तों पर समझौता हुआ?”
उन्होंने मध्यप्रदेश के एक मंत्री के बयान पर भी नाराजगी जताई, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी का उल्लेख किया गया था।
“वीरांगनाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मंत्री का अब तक इस्तीफा नहीं लिया गया। भाजपा नेतृत्व को माफी मांगनी चाहिए और ऐसे नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।”
सैनिकों का सम्मान, सियासत की गूंज
सभा के दौरान युद्ध में दिव्यांग हुए सैनिकों और वीरांगनाओं को प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। मंच पर मौजूद नेताओं ने भारतीय सेना की बहादुरी को सलाम किया, लेकिन साथ ही केंद्र सरकार की नीतियों और चुप्पी को कठघरे में खड़ा किया।
बाड़मेर की यह ‘जय हिंद सभा’ एक ओर जहां सैनिकों के सम्मान का मंच बनी, वहीं कांग्रेस नेताओं ने इसे केंद्र सरकार से जवाब मांगने का मंच भी बना दिया।
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