उदयपुर/ बरेली। प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) उदयपुर में पढ़ रहे बरेली निवासी छात्र फरहत मोहम्मद (23) का शव रविवार को हॉस्टल में फंदे से लटका हुआ मिला। जहां संस्थान और पुलिस शुरुआती तौर पर इसे आत्महत्या बता रहे हैं, वहीं छात्र के पिता ने इसे हत्या कर शव लटकाने का मामला करार दिया है।
फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के गांव धंतिया निवासी फरहत मोहम्मद ने महज दो माह पहले ही आईआईएम उदयपुर में प्रवेश लिया था। उनके पिता मोहम्मद इशाक, जो एलआईसी अभिकर्ता हैं, ने बताया कि बेटे ने वर्ष 2024 में बरेली के खंडेलवाल कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी से 76 प्रतिशत अंकों के साथ बीसीए पूरा किया था।
प्रतियोगी परीक्षा सीएटी में 98.42 प्रतिशत अंक हासिल कर पहले ही प्रयास में उन्होंने आईआईएम उदयपुर में दाखिला पाया था। परिवार में दो बड़ी बहनें हैं और मां का पहले ही निधन हो चुका है।
परिवार का कहना है कि फरहत हर शनिवार और रविवार को घर से बात करते थे। शनिवार को बहनों से फोन पर बातचीत हुई थी, लेकिन रविवार को कोई संपर्क नहीं हो सका। पिता इशाक ने बताया कि रविवार शाम और रात में कई बार कॉल करने के बावजूद रिसीव नहीं हुआ। रात करीब 10 बजे फोन किसी समीर नामक युवक ने उठाया और बताया कि फरहत ने खुदकुशी कर ली है।
कुछ देर बाद उदयपुर पुलिस के सब इंस्पेक्टर जितेंद्र चौहान की कॉल आई और इसकी औपचारिक सूचना दी गई।
पिता ने लगाए गंभीर आरोप
फरहत के पिता का आरोप है कि आईआईएम प्रबंधन ने उन्हें उदयपुर पहुंचने पर न तो स्वतंत्र रूप से छात्रों से बात करने दी और न ही हॉस्टल के हालात समझने का मौका दिया। उनका कहना है कि जिस कमरे में शव फंदे से लटका बताया गया, वहां खुदकुशी जैसे हालात नहीं थे।
उन्होंने आशंका जताई कि फरहत की रस्सी से गला घोंटकर हत्या की गई और बाद में शव को फंदे से लटका दिया गया।
कब्रिस्तान में गमगीन विदाई
पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। मंगलवार को गमगीन माहौल में गांव धंतिया स्थित कब्रिस्तान में फरहत को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
जांच के दायरे में लैपटॉप और मोबाइल
उदयपुर पुलिस ने फरहत का लैपटॉप और मोबाइल फोन कब्जे में ले लिया है। पिता इशाक का कहना है कि कुछ छात्रों से गुपचुप जानकारी मिली कि रविवार रात फरहत दोस्तों के साथ किसी पार्टी में शामिल हुए थे। उनका आरोप है कि संस्थान प्रबंधन पूरी कोशिश कर रहा है कि मामले को आत्महत्या बताकर दबाया जाए।
आईआईएम रांची छोड़ चुना था उदयपुर
परिवार ने बताया कि फरहत को प्रवेश के लिए आईआईएम रांची और आईआईएम उदयपुर दोनों विकल्प मिले थे। लेकिन उन्होंने उदयपुर को इसलिए चुना, क्योंकि उनके कई दोस्त वहां पहले से पढ़ाई कर रहे थे। पिता का कहना है कि बेटा पढ़ाई में अव्वल और बेहद जिंदादिल था, ऐसे में उसका आत्महत्या करना असंभव लगता है।
यह मामला फिलहाल संदेह और सवालों के घेरे में है।
क्या यह वास्तव में आत्महत्या है या हत्या?
पार्टी वाली रात क्या हुआ था?
लैपटॉप और मोबाइल से क्या राज़ खुलेंगे?
पुलिस की जांच इन सवालों के जवाब देगी, लेकिन फिलहाल बरेली से लेकर उदयपुर तक फरहत की मौत ने शैक्षणिक माहौल और आईआईएम जैसे संस्थान की सुरक्षा व पारदर्शिता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्रोत : अमर उजाला
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