नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने जारी की अधिसूचना, और भी कई तरह की मिलेंगी राहत
उदयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर 17 सितम्बर से 17 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले शहरी सेवा शिविर सही मायनों में सेवा के पर्याय सिद्ध होंगे। राज्य सरकार के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर शिविरों में आमजन को राहत प्रदान करने के लिए कई तरह के प्रावधान लागू किए हैं। इसमें बकाया लीज पर ब्याज में 100 प्रतिशत तक की छूट सहित कई सौगातें शामिल हैं।
जारी अधिसूचना के अनुसार शहरी सेवा शिविरों में सरकार ने बकाया लीज राशि पर ब्याज में100 फीसदी छूट की घोषणा की है। वहीं, फ्री होल्ड पट्टे लेने या लीज मुक्ति प्रमाण पत्र लेने और 31 दिसंबर तक बकाया लीज राशि जमा करवाने पर बकाया लीज राशि में 60 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। इसके अलावा निकाय से नीलामी या लॉटरी में आवंटित भूखंड पर निर्धारित अवधि में निर्माणनहीं कराने पर निर्धारित पुर्नग्रहण शुल्क में छूट लेकर निर्माण अवधि 31 मार्च 2027 तक बढ़ाई जा सकेगी। आवासीय भूखण्ड के पुनर्ग्रहण शुल्क में 250 वर्ग मीटर तक के भूखंड में 75 प्रतिशत, 250 से 500 वर्ग मीटर तक 50 प्रतिशत और 500 वर्ग मीटर से 1000 वर्ग मीटर तक के भूखंड पर पुर्नग्रहण शुल्क में 25 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। इतना ही नहीं कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के अपंजीकृत दस्तावेज व एग्रीमेंट पर लगने वाली पेनल्टी में भी 100 फीसदी छूट प्रदान की जाएगी।
अपंजीकृत दस्तावेजों के आधार पर पट्टे लेने पर शास्ति में छूट
कृषि भूमि पर बसी हुई ऐसी कॉलोनियों जिनमें सु-मोटो धारा 90-बी (1) एवम् 90-ए (बी) की कार्यवाही होकर ले-आउट प्लान स्वीकृति हो चुके हैं ऐसी कॉलोनियों के भूखण्डों के शेष रहे पट्टे जारी करने पर शहरी सेवा शिविर को प्रथम कैम्प मानते हुये ब्याज में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी। कृषि भूमि पर बसी ऐसी कॉलोनियों जिनमें सु-मोटो धारा 90-बी (1) एवम् 90-ए (बी) की कार्यवाही होकर ले-आउट प्लान स्वीकृति हो चुके हैं ऐसी कॉलोनियों में खातेदार व उसके पश्चात्वर्ती क्रेताओं से जितनी बार अपंजीकृत दस्तावेज / एग्रीमेंन्ट से भूखण्ड क्रय किये गये है उनमें अन्तिम क्रेता को भूखण्ड पट्टा देने पर शास्ति में शत-प्रतिशत छूट दी जायेगी। वित्त विभाग की अधिसूचना 10.07.2024 के अनुसार पट्टा पंजीयन करवाना होगा।
प्रीमियम दरों में भी छूट :
अधिसूचना दिनांक 13.02.2020 के द्वारा निर्धारित प्रीमियम दरों में 1 अप्रेल 2021 से 7.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि 10 रुपये के गुणांक तक करते हुये देय आवासीय प्रीमियम दरों में छूटदी जाएगी। इसके तहत 100 वर्गमीटर तक पर 25 प्रतिशत और 100 से अधिक एवं 200 वर्ग मीटर तक 15 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है।
तकनीकी परीक्षण के लिए अधिकारी अधिकृत : राज्य सरकार ने अधिसूचना के माध्यम से आमजन की सुविधा के लिए भवन निर्माण स्वीकृति, भू-उपयोग परिवर्तन, ले-आउट प्लान (उपविभाजन / पुनर्गठन) आदि में तकनीकी परीक्षण के लिए भी भूखण्ड के क्षेत्रफल के हिसाब से निकाय स्तर पर पदस्थ नगर नियोजक, प्रारूपकार, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता आदि अधिकारियों को अधिकृत किया है।
उप विभाजन/पुनर्गठन व भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में भी मिलेगी छूट
राज्य सरकार ने आवासीय उपविभाजन, पुनर्गठन एवं भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में भी भारी छूट का प्रावधान किया है। उप विभाजन/पुनर्गठन के लिए वर्तमान में 75 रूपए प्रति वर्ग मीटर शुल्क निर्धारित है। शिविरों के दौरान 250 वर्ग मीटर तक के भूखण्ड के लिए 75 प्रतिशत, 250 से 500 वर्ग मीटर तक 50 प्रतिशत तथा 500 से 1000 वर्ग मीटर तक 25 प्रतिशत छूट मिलेगी। भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में भी छूट का प्रावधान किया गया है।
यह भी किए प्रावधान
– नगर पालिका अधिनियम की धारा 69-ए के फ्री होल्ड पट्टा शुल्क में 50 प्रतिशत तक छूट
– जी$1 की स्वीकृति के साथ पट्टे देने का प्रावधान हैं। भवन मानचित्र शुल्क में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी
– खांचा भूमि के आवंटन में भी 50 प्रतिशत छूट
– नगरीय निकायों द्वारा नामान्तरण, लीज होल्ड से फ्री होल्ड, लीज डीड निष्पादन (रजिस्ट्री), अनाप्ति प्रमाण पत्र (नल, बिजली, ऋण व विक्रय बाबत्) एवं उप-विभाजन/पुनर्गठन के प्रकरणों में मौका निरीक्षण नहींकिया जाएगा।
अधिसूचित कच्ची बस्ती में दिसम्बर 2021 से पूर्व के कब्जों का नियमन
अधिसूचना के तहत सर्वेशुदा/चिन्हित/अधिसूचित कच्ची बस्ती में दिनांक 31.12. 2021 पूर्व के कब्जे का नियमन कर शेष भूखण्डों के पट्टे दिये जायेंगे। बजट घोषणा 2022-23 के बिन्दु संख्या 40 के तहत् जारी आदेश दिनांक 29.06.2022 के अनुसार पूर्व में जो पट्टे अहस्तांतरणीय की शर्त पर जारी किये गयेथे वह पट्टे जारी करने की दिनांक से 3 वर्ष पश्चात् हस्तांतरणीय हो सकेंगे।
इसके अन्तर्गत मूल पट्टेधारी से भूखण्ड का कितनी ही बार पंजीकृत विक्रय पत्रो से विक्रय हुआ हो अन्तिम क्रेता से भूमि निष्पादन नियम 1974 में निर्धारित दर 10 रूपए प्रति वर्गमीटर से राशि लेकर हस्तांतरित भूखण्ड का नामान्तरण निकाय के रिकोर्ड में किया जा सकेगा।
पूर्व में निकायों द्वारा ई.डब्ल्यू.एस/ल. आईजी / पुर्नवास भूखण्ड अहस्तांतरणीय की शर्त पर आवंटन किये गये थे उक्त भूखण्डों का पंजीकृत विक्रय पत्रों के आधार पर बेचान हो चुका है। भूमि निष्पादन नियम 1974 के नियम 17 (7) में लॉटरी से आवंटित भूखण्डों को 10 वर्ष तक बेचान नहीं किया जा सकता है परन्तु 10 वर्ष से पूर्व बेचान करने पर 5 वर्ष तक वर्तमान आरक्षित दर का 10 प्रतिशत एवं 5 से 10 वर्ष तक वर्तमान आरक्षित दर का 5 प्रतिशत की दर से राशि लेकर नामान्तरण किये जाने का प्रावधान है। आदेश दिनांक 21.04.2022 द्वारा अहस्तान्तरणीय शर्त को विलोपित करते हुए हस्तान्तरण की छूट प्रदान की गई थी। अतः ई. डब्ल्यू.एस/एल.आईजी / पुर्नवास भूखण्ड अन्तिम क्रेता द्वारा फ्री होल्ड पट्टा लेने या लीज मुक्ति प्रमाण पत्र लेने एवं जितनी भी बार हस्तान्तरण हुआ है। प्रत्येक हस्तान्तरण पर नामान्तरण शुल्क लेकर निकाय के रिकोर्ड में नामान्तरण किया जा सकेगा।
आवेदनों का सरलीकरण : शहरी सेवा शिविर में आवेदनों का सरलीकरण किया गया है।
शिविर में ऑनलाईन एवं ऑफलाईन दोनों प्रकार से आवेदन हो सकेंगे, परन्तु ऑफलाइन आवेदनों को निकाय द्वारा पहले ऑनलाइन कियाजाएगा तथा ऑनलाईन करने के पश्चात् ही छूट का लाभ दिया जाएगा। इसी प्रकार लम्बित ऑफलाईन प्रकरणों को भी पहले ऑनलाईन किया जाकर ही छूट का लाभ दिया जाएगा।
एम्पावर्ड समिति का गठन :
शहरी शिविर के दौरान प्रकरण को निपटाने के लिए टाउन पॉलिसी के तहत गठित समितियों के स्थान पर भवन निर्माण स्वीकृति, लैंड यूज चेंज, ले आउट प्लान का अनुमोदन, भू आवंटन के लिए एम्पावर्ड कमेटियों का गठन किया गया है। जिसके अध्यक्ष महापौर, सभापति या अध्यक्ष होंगे।समिति में आयुक्त/उपायुक्त/अधिशाषी अधिकारी, निकाय में पदस्थापित वरिष्ठतम् नगर नियोजक, निकाय में पदस्थापित वरिष्ठतम् अभियन्तातथा निकाय में पदस्थापित वरिष्ठतम् विधि अधिकारी सदस्य रहेंगे। समिति का कोरम 3 सदस्य होगा। समिति की बैठक सप्ताह में कम से कम 2 बार आवश्यक रूप से होगी।
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आरएसएलडीसी करेगा कबूतरबाजों से सावधान : विशेष देंगे सुरक्षित और कानूनी विदेश प्रवास की जानकारी
उदयपुर। अध्ययन, रोजगार या पर्यटन के लिए विदेश जाने के इच्छुक लोग अक्सर कबूतरबाजों के चंगुल में फस जाते हैं। इससे उनका न केवल धन और समय व्यर्थ होता है, वहीं निजी प्रतिष्ठा भी धुमिल हो जाती है। आमजन को सुरक्षित और कानूनी विदेश प्रवास के प्रति जागरूक करने के लिए राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम ने बीड़ा उठाया है। इसी क्रम में आरएसएलडीसी की ओर से राजकीय आईटीआई प्रताप नगर उदयपुर में 19 सितम्बर 2025 को जागरूकता शिविर आयोजित किया जाएगा।
आरएसएलडीसी ने बताया कि आईटीआई उदयपुर में सुरक्षित और कानूनी प्रवास के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य विदेश प्रस्थान के मामले में जागरूकता फैलाना और यात्रा के लिए सुरक्षित मार्गदर्शन प्रदान करना है। कार्यशाला में विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के प्रोक्टर ऑफ इमीग्रेशनरी महेन्द्र कुमार एवं आरएसएलडीसी की ओर से प्रबंधक -ओपीब राजेश मीना व सहायक प्रबंधक-ओपीबी रमेश सांभरिया भी भाग लेगे एवं युवाओं को जागरूक करेंगे। शिविर में संबंधित विषयों पर विशेषज्ञ के द्वारा चर्चा की जाएगी। इससे प्रवासियों को उचित मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि अमेरीका सहित कई देश ने प्रवासियों के संबंध में अपनी नीतियों में बदलाव किया है। बिना सही जानकारी के विदेश यात्रा करने पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों को तो अपनी यात्रा अधूरी छोड़ कर वापस आना पड़ता है। कई बार लोग विदेश में नौकरी दिलाने के बाद पर ठगी करने वालों के चंगुल में फस जाते है और विदेश पहुंच कर कानूनी पेचिदगियों में उलझ जाते हैं। ऐसे में यह शिविर सुरक्षित और कानूनी विदेश प्रवास के संबंध में जानकारी की दृष्टि से बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
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आहड़ संग्रहालय में हिन्दी भाषा-उत्पत्ति विकास एवं उत्थान पर गोष्ठी
उदयपुर। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय संग्रहालय आहड़ में “हिन्दी भाषा की उत्पत्ति, विकास एवं उत्थान” विषय पर संक्षिप्त गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आयड़ के छात्र-छात्राओं ने विरासत एवं धरोहर विषय पर निबंध लेखन किया तथा हिन्दी कविताओं और कहानियों का वाचन किया। साथ ही विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर सुंदर चित्र प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में संग्रहालय के संग्रहाध्यक्ष उमेश प्रसाद प्रजापत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए हिन्दी भाषा की उत्पत्ति एवं उत्थान पर विस्तार से विचार रखे और उपस्थित विद्यार्थियों एवं श्रोताओं को दैनिक जीवन में अधिक से अधिक हिन्दी के प्रयोग हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रजापत ने उपस्थित प्रतिभागियों को संग्रहालय में प्रदर्शित पुरा सामग्री के ऐतिहासिक महत्व और संरक्षण की जानकारी भी दी। कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को प्रोत्साहन स्वरूप पेन व स्केच कलर प्रदान किए गए।
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