उदयपुर। समूचे विश्व में अपनी झीलों के लिए शुमार लेकसिटी उदयपुर में अब सृजन की सतरंगी धाराओं के संग-संग ‘कश्ती’ की सृजन यात्रा भी चलेगी। इसी उद्देश्य को लेकर विभिन्न सृजनात्मक गतिविधियों के लिए संचालित शहर के ‘कश्ती फाउंडेशन’ के तत्वावधान में एक विशेष बैठक गुरुवार को आयोजित की गई।
कश्ती फाउंडेशन की श्रद्धा मुर्डिया की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में शहर के विभिन्न सृजनधर्मियों ने वर्षभर आयोजित होने वाली गतिविधियों पर चिंतन किया और इन गतिविधियों के माध्यम से जिले के कलाकारों और कलाओं को संबल देने की प्रतिबद्धता जताई। निर्णय लिया गया कि कश्ती के माध्यम से एक ऐसा मंच तैयार किया जाएगा जहां पर सभी प्रकार की कलाओं का प्रस्तुतीकरण होगा और नवीन प्रतिभाओं को प्रेरणा मिलेगी।
अनवरत चले सृजन यात्रा :
अपने संबोधन में ख्यातनाम वास्तुकार और स्कैच आर्टिस्ट सुनील लड्ढा ने कहा कि सच्चे कलाकार की सृजन यात्रा अनवरत चलनी चाहिए अन्यथा उसकी पैनीधार खत्म हो जाएगी और सृजन रूक जाएगा। उन्होंने अब तक 200 सप्ताह की अर्बन स्केचिंग की निरंतरता की जानकारी दी और कहा कि कश्ती के साथ जुड़कर वे खुद को गौरवांवित है और अब नियमित रूप से सप्ताह अथवा दो सप्ताह में एक दिन सृजनधर्मियों का चिंतन की कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए।
फाउंडेशन की श्रद्धा मुर्डिया ने कहा कि सभी कलाकारों का कश्ती में स्वागत है और इस चिंतन के माध्यम से प्रयास किया जाएगा कि जिले के कलाकारों को मंच प्रदान करते हुए नवीन युवा कला प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर एक आयोजन को दूरदर्शिता से किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि हर आयोजन का एक विशिष्ट परिणाम भी नज़र आवे।
मीरा गर्ल्स कॉलेज की ऐसोसियेट प्रोफेसर सोफिया नलवाया, प्रस्तर शिल्पकार हेमंत जोशी, रंगकर्मी दीपक दीक्षित, गजलकार कपिल पालीवाल, चित्रकार जगदीश कुमावत, रवीन्द्र दायमा, चेतन औदिच्य, डॉ. चित्रसेन व नीलोफर मुनीर, साहित्यकार डॉ. सोमशेखर व्यास, पक्षी विशेषज्ञ विनय दवे, ब्लॉगर व सोशल मीडिया एक्सपर्ट मनीष कोठारी, सुनील भट्ट, राधिका, ऋतु चांदवानी, विपुल वैष्णव सहित कई कलाकारों ने विचार व्यक्त किए और आगामी दिनों की सृजनात्मक गतिविधियों की रूपरेखा तय की।
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