उदयपुर से जिसके लोकसभा लड़ने की चर्चा थी, पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया

जयपुर। बीजेपी ने राज्यसभा के लिए सोमवार को राजस्थान से मेवाड़ के चुन्नीलाल गरासिया और मारवाड़ के मदन राठौड़ को उम्मीदवार घोषित किया। पार्टी की ओर से जारी सूची में दोनों की उम्मीदवारी की घोषणा की गई। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने दोनों के नामों पर मुहर लगाए जाने की सूचना भेजी गई है। दरअसल उदयपुर जनजाति लोकसभा सीट से चुन्नीलाल गरासिया के चुनाव लड़ने की चर्चा थी।
राज्यसभा की तीन सीटों के लिए राजस्थान विधानसभा में 27 फरवरी को मतदान होना है। बीजेपी, कांग्रेस, निर्दलीय और अन्य दलों के प्रत्याशियों की संख्या के हिसाब से राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के दो और कांग्रेस के एक प्रत्याशी का जीतना तय है। प्रत्याशियों की संख्या तीन से ज्यादा हुई तो मतदान प्रक्रिया अपनाई जाएगी अन्यथा तीनों प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे.
बीजेपी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए मेवाड़-वागड़ क्षेत्र से चुन्नीलाल गरासिया को उम्मीदवार बनाकर आदिवासी वोटबैंक को पाने का दांव खेला है। गरासिया राजस्थान सरकार में मंत्री रहे हैं और संगठन में कई पदों को संभाल चुके हैं। वह बीजेपी एसटी मोर्चे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहने के साथ ही वर्तमान में बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। चुन्नी लाल भैरो सिंह शेखावत सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। मंत्री पद से इस्तीफा देकर कार सेवा में गए थे, मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में निकली एकता यात्रा में गरासिया शामिल हुए थे। यात्रा कश्मीर के लाल चौक तक जानी थी। उस वक्त नरेंद्र मोदी एकता यात्रा के संयोजक थे।
इधर, मदन राठौड़ भी पार्टी के प्रति समर्पित हैं। वसुंधरा सरकार में मदन राठौड़ उप मुख्य सचेतक थे। मदन राठौड़ 2013 में सुमेरपुर से विधायक रहे हैं। 2023 में पार्टी से टिकट नहीं मिला तो सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। पार्टी की मान-मनुहार के बाद नामांकन वापस ले लिया था। पार्टी के साथ दिखाए समर्पण भाव का आज इनाम मिला है।

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