राजस्थान होटल फेडरेशन ने दिल्ली में ओम बिरला और गजेंद्र सिंह शेखावत से नीतिगत सुधार और राहत उपायों पर की चर्चा

 

दिल्ली/जयपुर/उदयपुर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के विशेष आमंत्रण पर होटल फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान का 50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर दिल्ली पहुँचा। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य होटल एवं पर्यटन उद्योग से जुड़े नीतिगत सुधार, राहत उपाय और विकास की संभावनाओं पर चर्चा करना रहा।

पहले दिन प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति भवन, मुगल गार्डन, प्रधानमंत्री संग्रहालय और अक्षरधाम मंदिर का अवलोकन किया। वहीं दूसरे दिन प्रतिनिधियों ने लोकसभा का भ्रमण कर मानसून सत्र की कार्यवाही देखी और फिर लोकसभा मीटिंग हॉल में उच्चस्तरीय बैठक हुई।

इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पाली सांसद पी.पी. चौधरी, जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह और राजस्थान कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत से मुलाकात कर होटल व पर्यटन उद्योग की प्रमुख माँगें रखीं।

प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख माँगें

1000 रुपये तक की होटल रूम टैरिफ को जीएसटी से मुक्त किया जाए।

जीएसटी में छूट की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख की जाए।

हेरिटेज बिल्डिंग की मान्यता 1951 से बढ़ाकर 1970 तक की जाए।

होटल उद्योग को 5% जीएसटी श्रेणी में रखा जाए।

विदेशी पर्यटकों के लिए वीजा ऑन अराइवल की सुविधा मिले।

विदेशी पर्यटकों के लिए यूनिक आईडी सिस्टम लागू हो।

कोटा में प्रस्तावित ट्रैवल मार्ट को सफल बनाने के लिए रणनीति बने।

नव-घोषित कोटा एयरपोर्ट एवं उदयपुर एयरपोर्ट पर सुविधाओं का विस्तार किया जाए।

बैठक में केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए विशेष बजट स्वीकृत किया गया है।

नेतृत्व और भागीदारी

इस अवसर पर होटल फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष हुसैन खान, संरक्षक सुरेंद्र सिंह शाहपुरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रणविजय सिंह, महासचिव शैलेश प्रधान, उपाध्यक्ष अनुराग गर्ग, कोषाध्यक्ष संदीप गोगिया, कोटा संभाग अध्यक्ष अशोक महेश्वरी, बीकानेर संभाग अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल, उदयपुर संभाग अध्यक्ष राकेश चौधरी, जोधपुर संभाग अध्यक्ष पवन मेहता, भरतपुर संभाग अध्यक्ष अनुपम सिंह, माउंट आबू अध्यक्ष अरविंद सहित सभी संभागों के महासचिव व पदाधिकारी उपस्थित रहे।

इस दौरे को होटल और पर्यटन उद्योग के हित में एक सार्थक, दूरगामी एवं महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।

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