23, 24 एवं 25 फरवरी
बांसवाड़ा। माघ पूर्णिमा के अवसर पर
100 टापुओं के साथ प्राकृतिक सौंदर्य वाले बांसवाड़ा शहर में आयोजित किए जाने वाले इस महोत्सव में आपको प्रकृति के सुंदरतम स्थानों, झीलों के किनारे, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त एवं चांदनी रातों में ध्यान का अभूतपूर्व अवसर मिलेगा। साथ ही ध्यान और तत्वज्ञान आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा विशेष चर्चा में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
विस्तृत कार्यक्रम *23 फरवरी*
3 से 4 बजे अपरान्ह : उद्घाटन एवं परिचय सत्र स्थान: पिरामिड साईं बाबा मंदिर
4.30 से 6:00 बजे : भंडारिया हनुमान जी एवं लव कुश वाटिका भ्रमण
6:00 से 7:30 समाई माता मंदिर से सूर्यास्त एवं चंद्रोदय दर्शन के साथ ध्यान
9 से 10:00 बजे: पूर्णिमा ध्यान साईं बाबा मंदिर
24 फरवरी
प्रातः 5:30 बजे:
साईं बाबा मंदिर से प्रस्थान कर चाचा कोटा प्रातः 6:00 से 8:00 बजे: चंद्रास्त एवं सूर्योदय दर्शन के साथ ध्यान
8 से 9 बजे:
पृथ्वीनाथ महादेव भ्रमण एवं अल्पाहार
9 से 11 बजे: श्यामपुरा वन भ्रमण
11:30 से 1:00 बजे :
आत्मज्ञान एवं तत्वज्ञान चर्चा स्थान: पिरामिड, साईं बाबा मंदिर
3 से 4 बजे अपरान्ह :
माया ज्ञान एवं ब्रह्म ज्ञान पर तत्व चर्चा स्थान: पिरामिड, साईं बाबा मंदिर
4 से 5 बजे :
डायलाब तालाब भ्रमण
5:30 से 9:30 बजे तक माही डैम पर सूर्यास्त, चंद्रोदय दर्शन के साथ पूर्णमासी चंद्रमा के उज्जवल प्रकाश में माही डैम के जल दर्शन के साथ रसमय भक्ति मय संगीत के साथ ध्यान संध्या
25फरवरी
प्रातः 6 से 7:30 बजे: कागदी पिकअप पर चंद्रास्त एवं सूर्योदय के साथ संगीत मय ध्यान
9 से 11 बजे: वन वाटिका एवं त्रिपुरा सुंदरी दर्शन एवं कार्यक्रम समापन
विशेष आग्रह
सांसारिक विषयों/क्षेत्रों का कमोबेश सभी को ज्ञान है किंतु क्या मुझे स्वयं का ज्ञान है कि “मैं क्या हूं” इसी मूल प्रश्न के समाधान हेतु “माघ पूर्णिमा आध्यात्मिक और प्रकृति भ्रमण” के दौरान आप डॉ. रीनू सिरोही जी, आदित्य मिश्रा जी, और श्री वेदांश जी से अपने तमाम अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर सकते हैं । जैसे :
- क्या सांसारिक जीवन के साथ आत्मबोध संभव है?
- ज्ञान के द्वारा दुःखों का निवारण कैसे करें ?
- संबंधों में आई बाधाओं का समाधान कैसे करें ?
- क्या आध्यात्म पथ पर चलना सुगम है ?
- क्या आध्यात्म से जीवन में तीव्र परिवर्तन संभव है ?
- मानव जीवन का लक्ष्य क्या है ?
- साधक के मार्ग में आने वाली बाधायें कौन कौन सी होती हैं ?
इच्छुक जिज्ञासुओं को त्रिज्ञान ( आत्मज्ञान, माया ज्ञान और ब्रह्म ज्ञान ) को गहराई से समझने के लिए अतिरिक्त व्यक्तिगत समय भी दिया जाएगा।
इसमें 10-12 साल के बच्चों से लेकर लगभग 70 वर्ष की आयु के सभी स्वस्थ व इच्छुक व्यक्ति भाग ले सकते हैं, जिनकी रुचि प्रकृति एवं आध्यात्मिकता में हो।
अपनी व्यक्तिगत औषधि व अन्य आवश्यकताओं के साथ ध्यान में बैठने के लिए छोटी सी गद्दी, आसन, सर्दी के कपड़े एवं शाल, पानी की बोतल आदि अवश्य साथ लें।
पूछताछ के लिए संपर्क करें
Deepak Dwivedi 80039 08988
Dinesh Bhatt 82396 71157 Rajendra Jain 9414102561
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