नगरीय विकास कर वसूलने वाले निगम को क्या फर्क पड़ता है – शहर में स्ट्रीट लाइट लगे या ना लगे…सिटी के कई रास्ते, गलियां, मोहल्ले अंधेरे में डूबे

Editor’s comment : नगर निगम का पूरा जोर नगरीय कर वसूली पर है और पार्षदों का फोकस निर्माण कार्य करवाने, गीत गाने, बर्थडे मनाने पर है। शहर के लोगों की सहूलियतों से उनका कोई सरोकार नहीं है। ऐसा दिखाई भी देता है। शहर के कई गली, मोहल्ले, रास्ते लगभग दो महीनों से अंधेरे में डूबे है। और इन मार्गों पर कुत्तों का आतंक। सुबह शाम काम पर जाने वाले, लौटने वालों के लिए यह सबसे बड़ी मुश्किल है। बहरहाल उदयपुर में ट्रिपल इंजन सरकार से ऐसी ही उम्मीद है।

यहां से पढ़िए नगर निगम का प्रेसनोट

नगरीय विकास कर में निगम को प्राप्त हुआ 15. 18 करोड़ का राजस्व।
पहली बार निगम को प्राप्त हुआ रिकॉर्ड राजस्व।
आयुक्त ने की निगम अधिकारियों की सराहना।
सख्ती का हुआ असर।
पिछले वर्ष 11.30 करोड़ का हुआ था राजस्व।
12 करोड़ का दिया था लक्ष, 30 प्रतिशत का अतिरिक्त हुआ राजस्व।
उदयपुर। नगर निगम उदयपुर द्वारा इस वर्ष नगरीय विकास कर में तय राशि से 3.18 करोड़ अधिक राशि अर्जित कर नया इतिहास रचा है। निगम ने नगरी विकास कर को लेकर 12 करोड रुपए का लक्ष्य रखा था जो इस वर्ष मार्च के अंतिम दिन रविवार को 3 करोड़ से भी ज्यादा अधिक वसूल कर नया कीर्तिमान बनाया है।
नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि शहर के विकास में नगरीय विकास कर की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। निगम द्वारा इस वर्ष नगरीय विकास कर में 12 करोड रुपए की आय अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य को राजस्व शाखा द्वारा तय से भी 3.18 करोड़ रुपए ज्यादा हासिल करते हुए 15.18 करोड़ रूपया आय अर्जित की है।
नगरीय विकास कर अर्जित में बना रिकॉर्ड।
नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि नगरीय विकास कर को लेकर नगर निगम द्वारा पहली बार रिकॉर्ड आय अर्जित कर अपने सभी पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त किया है। पूर्व में 11.30 करोड रुपए की आय अर्जित की गई थी, लेकिन इस बार राजस्व अधिकारी नीतीश भटनागर और सहायक कर्मचारियों द्वारा किए गए प्रयासों से 15 करोड़ से भी अधिक आय अर्जित हुई है। हालांकि निगम द्वारा इस वर्ष सख्त रवैया अपनाया था जोभी आय अर्जित होने में सहायक सिद्ध हुआ है।
अपना कर समय पर अदा करें शहरवासी।
नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि निगम का उद्देश्य कभी भी किसी को परेशान करने का नहीं रहता है। लेकिन शहर के विकास को लेकर कमी नहीं रखी जाएगी। अतः शहर वासी अपना नैतिक दायित्व समझते हुए बकाया नगरी विकास कर जमा करवाकर सरकारी छूट का लाभ भी लेवे एवं अपने दायित्व का निर्वहन भी करें। शहर के विकास में सभी की अग्रणी भूमिका रहनी चाहिए।

About Author

Leave a Reply