राजकोट। राजकोट के टीआरपी गेम ज़ोन में आग लगने की घटना के बाद चार सीसीटीवी फुटेज सामने आई हैं, जो आग लगने की वजह को स्पष्ट करती हैं। इस हादसे में 27 लोगों की मौत हुई, जिनमें बड़ी संख्या में बच्चे शामिल थे।
आग कैसे लगी?
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, आग शाम 5:33:30 बजे शुरू हुई। गेम ज़ोन के अंदर वेल्डिंग का काम चल रहा था। वेल्डिंग की जगह के ठीक नीचे फोम शीट का एक बड़ा पैड रखा हुआ था। वेल्डिंग से निकली चिंगारी सबसे पहले इसी फोम शीट पर गिरी।
5:34:06 बजे फोम शीट से हल्का धुआं निकलने लगा। इसके तुरंत बाद चार से पांच लोग आग बुझाने की कोशिश करते हुए भागते नजर आए। 5:34:55 बजे फोम शीट जलने लगी और जल्द ही वहां कई लोग जमा हो गए। कुछ लोग फोम शीट को हटाने की कोशिश भी कर रहे थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली और आग तेजी से फैलने लगी।
एक अन्य फुटेज में एक व्यक्ति फायर एक्सटिंग्विशर से आग बुझाने की कोशिश करता नजर आया, लेकिन इससे भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। कुछ ही मिनटों में लोग इधर-उधर भागते हुए दिखाई दिए। एक बार फिर से फायर एक्सटिंग्विशर लाया गया, लेकिन आग बुझाने में लोग सफल नहीं हो पाए और एक मिनट के भीतर ही आग तेजी से फैलने लगी।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में गेम ज़ोन के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे हिरासत में लिया है। गुजरात हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
राज्य सरकार की जांच
राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी घटना के कारणों और जिम्मेदार व्यक्तियों की जांच करेगी।
यह घटना सुरक्षा मानकों की अनदेखी और आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयारियों की कमी को उजागर करती है। सरकार और प्रशासन को ऐसी घटनाओं से सबक लेकर सुरक्षा व्यवस्थाओं को सख्त करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न हों।
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