फोटो : कमल कुमावत
उदयपुर। राष्ट्र भारती एकेडमी, नेला रोड, सेक्टर 14 में श्री पुष्कर दास जी महाराज के द्वारा 4 दिवसीय “नानी बाई का मायरा” कथा का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। कथा के पूर्व पोथी यात्रा निकाली गई। महाराज ने प्रथम दिन कहा कि जीवन में पूजा, पाठ, तीर्थ, दर्शन, आदि हो लेकिन साथ में सत्संग भी जरुरी है।
संत और सत्संग का मिलना ईश्वर की कृपा पर निर्भर करता है। प्रथम दिन नानी बाई के पिता नरसी मेहता की जीवनी का वर्णन किया। नरसी जी के जीवन से यही प्रेरणा मिलती है कि घर गृहस्थी में रहते हुए भी भजन हो सकता है। मायरे की कथा आगे बढ़ाते हुए महाराज ने बताया नरसी जी का जन्म जूनागढ़ में हुआ। नरसी जी बचपन से गूंगे थे बोलते नहीं थे।
दादी नरसी जी को लेकर जूनागढ़ में हाटकेश्वर महादेव के मंदिर ले कर गई वहा एक संत की कृपा से नरसी जी की जुबान खुली। नरसी जी को पढ़ने भेजा गया परंतु उनका मन पढ़ाई में नहीं लगा। नरसी जी ने विद्यालय में सभी को भजन करना सीखा दिया। कथा रोजाना सांय 4 से 7 बजे तक चल रही है।
समारोह के प्रारंभ में संस्थापक धर्मनारायण जोशी, सचिव भंवर लाल शर्मा, हिम्मतराम जोशी, समन्वयक विजय प्रकाश विप्लवी, संयोजक अशोक बाबेल व कैलाश चौबीसा ने कथा व्यास पुष्करदास महाराज का स्वागत कर पोथी का व्यासपीठ तक लाये और महाराज का पगडी, शॉल, माला व उपरणे से स्वागत किया।
अतिथियों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक हेमेन्द्र श्रीमाली, पूर्व उपमहापौर लोकेश द्विवेदी, विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव के.के.शर्मा, जोन-ए के अध्यक्ष नरेन्द्र पालीवाल, महासचिव राकेश जोशी, जिलाध्यक्ष मगन जोशी, शिक्षाविद् डा. बी एन सोनी, समाजसेवी लक्ष्मीकांत वैष्णव, परसराम सूयल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, दुल्हेसिंह सारंगदेवोत व पूर्व पार्षद जगत नागदा थे। संयोजन सचिव भंवरलाल शर्मा ने किया।
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