
उदयपुर। उदयपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनने के बाद दिल्ली से उदयपुर लौटे प्रो. गौरव वल्लभ का डबोक एयरपोर्ट में बड़ी संख्या में लोगों ने स्वागत किया। जिलाध्यक्ष फतहसिंह राठौड़ के नेतृत्व में कई लोगों ने वल्लभ का स्वागत करते हुए बधाई दी। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के मने आने के बाद मतदाता अब दोनों प्रत्याशियों को तोलने में लगे है। जाति, समाज, संप्रदाय, शिक्षा और उम्र सभी बिंदुओं पर चर्चा शुरू हो गई है। अब फैसला जनता को ही करना है।

बहरहाल प्रो. गौरव वल्लभ के एयरपोर्ट पर आने की सूचना मिलने पर कई कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और उनके चाहने वाले स्वागत के लिए पहुंच गए। आपणो गौरव अइग्यो जैसे नारे लगने लगे। रास्ते में भी प्रो. वल्लभ का जगह जगह स्वागत किया गया। विरोध करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता भी अब प्रो. वल्लभ के साथ खड़े दिखाई दिए। जब उनसे विरोध के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि टिकट मिलने से पहले तक हमारा विरोध था, लेकिन अब हम पार्टी के सिम्बल और प्रत्याशी के साथ खड़े हैं। अब आगे देखना होगा कि प्रो. वल्लभ कैसे उदयपुर के मतदाताओं के सामने अपनी छाप छोड़ते हैं और क्या रणनीति अपनाते हैं।
सोशल मीडिया पर भी ग्रुपों में भाजपा प्रत्याशी ताराचंद जैन पर बहस के बाद अब प्रो. गौरव वल्लभ ट्रेंड कर रहे हैं। डिप्टी मेयर पारस सिंघवी के विरोध के कारण शुरू में ताराचंद जैन और सिंघवी को लेकर बहस शुरू हुई थी। इसमें पारस सिंघवी का जिक्र अधिक था।
कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब लोग प्रो. गौरव वल्लभ पर चर्चा कर रहे हैं और बहुत अधिक कर रहे हैं। जहां तक चर्चा का सवाल है-आमजन तो प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं, लेकिन दोनों ही राजनीतिक पार्टियों के कमिटेड वोटर्स चाहे वो कितने भी पढ़े लिखे हों, दूसरे प्रत्याशी में कोई न कोई खामी जरूर निकाल रहे हैं। अगर भाजपा के कमिटेड वोटर्स से बातचीत करेंगे तो वो प्रो. वल्लभ के लिए बाहरी का जिक्र करेंगे और यदि आप कांग्रेस के कमिटेड वोटर्स से बात करेंगे तो वे ताराचंद जैन की एजुकेशन और उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों का जिक्र करेंगे। यह सबकुछ ऑन द रिकॉर्ड बोलेंगे।
लेकिन जब आप उनसे ऑफ द रिकॉर्ड बात करते हैं तो वे सच्चाई के कुछ करीब पहुंचेंगे। फिर वो शिक्षा, उम्र, अनुभव और विजन की ओर ध्यान दिलाएंगे। बहरहाल जनता अपना फैसला 25 नवंबर को करेगी, लेकिन अभी दोनों ही प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है। दोनों ही पार्टियों में मैदान में विरोधियों ने अपनी फिल्डिंग जमा रखी है। प्रत्याशी कैसे बल्लेबाजी करते हैं और कैसे दूसरे प्रत्याशी को बॉलिंग करते हैं। आने वाले समय में देखने को मिलेगा। मीडिया ने अपना गेम शुरू कर दिया है।
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