सलूंबर कस्बे के शांत जीवन में एक सनसनीखेज घटना ने तहलका मचा दिया। पुलिस ने एक ऐसी गिरोह का पर्दाफाश किया, जो मासूम लोगों की भावनाओं और संपत्तियों का शिकार बनाकर उन्हें ठगता था। इस गिरोह की मुख्य किरदार थी साक्षी ठाकोर, जो दिखने में जितनी मासूम थी, उसके इरादे उतने ही खतरनाक। साक्षी ने अपनी अदाओं और भरोसेमंद मुस्कान से छह परिवारों की जिंदगी में अंधेरा कर दिया।
शादी की आड़ में जालसाजी
साक्षी ठाकोर (22), जो गुजरात के नडियाद की रहने वाली है, पेशे से एक लुटेरी दुल्हन थी। उसके साथ उसका मौसा भरतभाई प्रजापति और साथी महिला मंदाबेन व्यास मिलकर धोखाधड़ी का जाल बुनते थे। मौसा रिश्ते तय करता था, मंदाबेन भरोसा दिलाती थी, और साक्षी अपने “दुल्हन” के किरदार को निभाकर जालसाजी को अंजाम देती थी।
शिकार कैसे बनता था?
यह गिरोह उन परिवारों को निशाना बनाता था, जो आर्थिक रूप से कमजोर या वैवाहिक जीवन में परेशान थे। 15 मई 2023 को, गोतमलाल उर्फ माराज नामक दलाल ने पर्वत सिंह नामक विधुर को नया जीवनसाथी दिलाने का वादा किया। “आपकी जिंदगी बदल जाएगी,” उसने कहा। लेकिन इस बदलाव की कीमत 2.50 लाख रुपये थी।
पर्वत सिंह ने उनकी बातों पर भरोसा कर लिया। 5 जून 2023 को गांव के मंदिर में साक्षी से धूमधाम से शादी करवाई गई। शादी के बाद, साक्षी ने दुल्हन की सभी जिम्मेदारियां निभाने का नाटक किया। लेकिन दो महीने बाद, वह घर से सारे जेवरात लेकर फरार हो गई।
जांच और गिरफ्तारी
जब साक्षी वापस नहीं लौटी, तो पर्वत सिंह ने पुलिस से मदद मांगी। सलूंबर थाने के थानाधिकारी मनीष खोईवाल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की। एसपी राजेश यादव के निर्देशन में टीम गठित की गई। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि साक्षी ने छह परिवारों के साथ यही खेल खेला था। हर बार, वह 2-3 लाख रुपये और जेवरात लेकर गायब हो जाती थी।
गिरोह का अंत
पुलिस ने साक्षी, मंदाबेन, और भरतभाई को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में साक्षी ने अपने अपराध कबूल किए और बताया कि वह अपनी मासूमियत और लोगों के भरोसे का फायदा उठाती थी।
अंजाम
साक्षी और उसके साथी अब सलाखों के पीछे हैं, लेकिन इस घटना ने समाज को एक बड़ा सबक दिया है। यह कहानी सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि एक चेतावनी है – भरोसे के साथ विवेक का भी इस्तेमाल करें, क्योंकि हर मुस्कान के पीछे इरादे मासूम नहीं होते।
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