फोटो : ऋषभ जैन

उदयपुर। आधुनिक राजस्थान के निर्माता और सत्रह साल तक मुख्यमंत्री के पद पर रहकर उदयपुर के विधायक रहे मोहनलाल सुखाड़िया की प्रतिमा, जो उनके सम्मान का प्रतीक मानी जाती थी, पिछली रात अचानक आए अंधड़ के कारण गिर गई। यह घटना सिर्फ एक प्रतिमा के गिरने की नहीं है, बल्कि यह नगर निगम उदयपुर और यहां के जनप्रतिनिधियों के मुंह पर एक तगड़ा तमाचा है।
अब यह कोई रहस्य नहीं रह गया कि सुखाड़िया साहब ने जब इस शहर के विकास की नींव रखी थी, तो वह न केवल स्थायी बल्कि दूरगामी असर डालने वाले थे। उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी यहां के लोगों की जुबां पर हैं। सुखाड़िया सर्किल और पार्क जैसे उनके द्वारा खड़ा किए गए स्मारक आज भी उनकी याद दिलाते हैं। लेकिन हद तो तब हो गई, जब वह प्रतिमा खुद इस शहर के आलसी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नाकारापन का शिकार हो गई।
सवाल उठता है, आखिर क्यों उनके नाम से बनी सुखाड़िया सर्किल और पार्क की देखभाल इतनी लापरवाही से की जाती रही? क्या यह उस शहर के लिए एक और शर्मनाक उदाहरण नहीं है, जहां हर चुनाव में नेताओं ने सुखाड़िया के सपनों को पूरा करने का वादा किया, लेकिन उनके सपनों की देखभाल के लिए किसी ने एक कदम भी नहीं बढ़ाया?
यह कोई मामूली बात नहीं है। जिस प्रतिमा ने राजस्थान के विकास के साक्षी के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी, वह आज अपनी देखभाल की कमी के कारण धराशायी हो गई। यह घटना उन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए एक कठोर संदेश है, जो वोट के समय तो सुखाड़िया के नाम का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन असल में उनकी धरोहर की पूरी तरह उपेक्षा करते हैं।
तो क्या अब यह प्रतिमा गिरी है, या इसके गिरने से पूरी उदयपुर नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की पहचान गिर गई है? यह सवाल अब और भी अहम हो जाता है।
About Author
You may also like
-
भंडारी जी का जीवन अनुशासन और समर्पण की मिसाल — महामहिम कटारिया बोले, संघर्ष ऐसा कि रेलवे स्टेशन पर भी गुज़ारे दिन
-
सुखाड़िया की टूटी प्रतिमा बनी सियासत का मुद्दा : विधायक और कांग्रेस नेता पहुंचे मौके पर, नए सिरे से लगाने या मरम्मत के निर्देश
-
नारी शक्ति की नई सुबह : नाइट शिफ्ट में महिलाओं की भागीदारी से हिन्दुस्तान ज़िंक ने रचा नया इतिहास
-
राजस्थान के पांच जल विशेषज्ञों को ऑस्ट्रेलिया अवार्ड फेलोशिप : उदयपुर के बेडच बेसिन व झीलों के विकास पर होगा अंतरराष्ट्रीय अध्ययन
-
शिक्षा में भी ‘राजसी’ चमक : डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को एमबीए में श्रेष्ठ प्रदर्शन पर गोल्ड मेडल