उदयपुर। राजस्थान के इतिहास में कुछ ऐसे नाम होते हैं जो जनता के दिलों में हमेशा के लिए बस जाते हैं। इन्हीं नामों में एक हैं हमारे सम्मानित और काबिल IAS अधिकारी, राजेंद्र भट्ट साहब जो शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। उनके कार्यकाल को अगर एक शब्द में बयान किया जाए, तो वह होगा “कुशलता”। उन्होंने जिस लगन और इख़लास से राजस्थान की सेवा की, वह बेमिसाल है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भट्ट शुक्रवार को राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए। इस उपलक्ष्य में संभागीय आयुक्त सभागार में आयोजित अभिनंदन समारोह में भट्ट ने कहा-प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर आपके सामने नित नई चुनौतियां आती हैं, लेकिन टीम अच्छी हो और आपस में समन्वय हो तो हर चुनौती आसान हो जाती है।
इस मौके पर जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने कहा कि किसी भी कार्य के सुचारू रूप से होने में टीम लीडर की कुशलता और नेतृत्व महत्वपूर्ण होता है। भट्ट साहब ने न केवल अधिकारी के तौर पर अपितु अभिभावक के रूप में सभी का मार्गदर्शन किया। उदयपुर के प्रति उनके लगाव के चलते ही कई ऐतिहासिक और भविष्योन्मुखी कार्य हो पाए।
कोरोनाकाल में सराहनीय कार्य
जब पूरा देश कोरोनाकाल की चपेट में था, तब राजस्थान भी इससे अछूता नहीं रहा। इस मुश्किल घड़ी में हमारे IAS राजेंद्र भट्ट ने भीलवाड़ा में कलेक्टर रहते हुए सूझबूझ और दरियादिली से अपने फर्ज़ को निभाया। उन्होंने अपने जिले में यह सुनिश्चित किया कि ज़रूरतमंदों को मदद पहुँचे और बीमारी के फैलाव को रोका जाए। उनके द्वारा की गई क्वारंटाइन सुविधाओं की व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के प्रयास काबिले तारीफ हैं। उन्होंने हर मुमकिन कोशिश की कि किसी भी नागरिक को इस मुश्किल दौर में अकेला महसूस न हो।
लॉ एंड ऑर्डर में सख़्ती
जहां भी उन्होंने अपनी सेवाएं दीं, वहां कानून का राज कायम रखा। उनके कार्यकाल में कानून-व्यवस्था को लेकर किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की गई। अपराधियों के खिलाफ उनकी सख्ती ने उन्हें जनता के बीच एक मिसाल बना दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि अमन और चैन हर नागरिक का हक़ बने, और इसके लिए उन्होंने किसी भी हद तक जाने से गुरेज़ नहीं किया।
सरकारी योजनाओं की ज़मीन तक पहुंच
सरकार की योजनाओं को आखिरी व्यक्ति तक पहुँचाने में उनकी भूमिका अविस्मरणीय रही। उन्होंने यह यकीन दिलाया कि हर योजना का लाभ सही मायने में जनता तक पहुंचे। गरीबों और कमजोर वर्गों के साथ उनका रवैया हमदर्दी भरा रहा, और उन्होंने खुद को उनके हालात सुधारने के लिए समर्पित कर दिया। उनके लिए सरकारी योजनाएं सिर्फ़ काग़ज़ी नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई बनती रहीं।
ग़लत को सबक, सही के साथी
राजेंद्र भट्ट ने हमेशा ग़लत करने वालों को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी नज़रों में इंसाफ़ की कीमत बहुत ज्यादा थी, और उन्होंने कभी भी ग़लत के साथ समझौता नहीं किया। उन्होंने सही को सही और ग़लत को ग़लत साबित करने में हमेशा न्याय का साथ दिया।
मानवता के प्रतीक
राजेंद्न भट्ट ने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल प्रशासनिक कामकाज को बखूबी अंजाम दिया, बल्कि मानवता की मिसाल भी कायम की। उन्होंने हर मौके पर यह सिद्ध किया कि प्रशासन केवल कानून और नियमों का पालन करने वाला नहीं, बल्कि एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिसके जरिये लोगों की जिंदगी में बेहतरी लाई जा सकती है।
सामाजिक न्याय के अलमबरदार
उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि उन्होंने कभी भी समाज के कमजोर तबके को नजरअंदाज नहीं किया। वे हमेशा इस बात पर जोर देते रहे कि हर नागरिक को उसके हक़ मिलें, चाहे वह कितनी ही गरीबी या परेशानी में क्यों न हो। उनके दिल में गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए हमेशा जगह रही। उनकी यह सोच थी कि असल विकास वही है जो समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। उनकी नज़रों में प्रशासनिक पद केवल एक जिम्मेदारी थी, और उन्होंने इसे पूरी ईमानदारी और संजीदगी से निभाया।
आमजन के साथ सीधा संवाद
उनकी सबसे बड़ी ताकत यह रही कि वे हमेशा आम जनता के बीच रहे। उन्होंने कभी भी खुद को जनता से दूर नहीं किया। जब भी किसी ने उनसे मदद की गुहार लगाई, वे तुरंत उस पर कार्रवाई करने में जुट गए। उनकी कार्यशैली में यह साफ़ झलकता था कि वे प्रशासन को एक सेवा का माध्यम मानते हैं, न कि केवल एक शक्ति का। उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुनने और समझने के लिए कई बार खुद फील्ड में जाकर निरीक्षण किया, जिससे जनता में उनका विश्वास और भी पुख्ता हो गया। उनके सेवाकाल का समर्पण और अनुशासन याद रखा जाएगा। वे एक ऐसे अधिकारी के रूप में जाने जाएंगे, जिन्होंने अपने पद का इस्तेमाल समाज की बेहतरी के लिए किया।
राजस्थान की जनता उन्हें हमेशा एक ऐसे सेवक के रूप में याद रखेगी, जिसने अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा, ईमानदारी, और इंसानियत के साथ निभाया।
अभिनंदन समारोह में कार्यक्रम में टीएडी आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त छोगाराम देवासी, एडीएम प्रशासन दीपेंद्रसिंह राठौड़, एडीएम सिटी राजीव द्विवेदी, जिला रसद अधिकारी गीतेश श्री मालवीय, डीओआईटी की संयुक्त निदेशक शीतल अग्रवाल सहित संभागीय आयुक्त कार्यालय के सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने श्री भट्ट का अभिनंदन किया और उनके कार्यकाल की सराहना की। भट्ट के सेवानिवृत्ति समारोह में बांसवाड़ा से समाजसेवी विकेश मेहता सहित डूंगरपुर, भीलवाड़ा आदि जिलों से भी बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन सम्मिलित हुए।
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