विद्याभवन पॉलिटेक्निक में पूर्व विद्यार्थी समागम- एलुमनाई मीट

पचास वर्षों बाद मिले विद्यार्थी अपने तत्कालीन शिक्षक से मिल हुए भावुक

फिर से लगी क्लास, विद्यार्थियों ने बताई उपलब्धियां, शिक्षक ने थपथपाई पीठ

उदयपुर। पचास वर्ष पूर्व अपनी शिक्षा पूर्ण कर , सफल निजी व्यवसाय, सरकारी – गैर सरकारी संस्थाओं में उच्च पदों पर कार्य कर सेवा निवृत भी चुके विद्यार्थी वर्षों बाद अपने सहपाठियों से मिलते है तो भावुक हो जाते हैं । जब वे अपने तत्कालीन शिक्षक के सम्मुख होते है तो फिर से क्लास, प्रश्नोत्तर , काउंसलिंग और मीठी डांट शुरू हों जाते है।

उस काल में कक्षा में आगे बैठने वाले पहली पंक्ति में और पीछे बैठने वाले दूसरी पंक्ति में शिक्षक के सामने खड़े हैं । शिक्षक को एक एक विद्यार्थी का नाम याद हैं और विद्यार्थियों को कक्षाओं में बिताए हर पल।

उस काल में क्लास में सबसे पीछे बैठने वाले विद्यार्थी सुंदर लाल जैन गर्व से बताते है कि सर, मैं सेंट्रल पीडब्लूडी , भारत सरकार के सर्वोच्च पद चीफ इंजीनियर से रिटायर्ड हुआ हूं तो शिक्षक अनिल कुमार गोधा उन्हें पीठ थपथपाकर शाबाशी देते हैं । और, फिर हर विद्यार्थी अपने जीवन की उपलब्धियों, सफलताओ, कीर्तिमानो को बताने लगते हैं । शिक्षक गोधा उन्हें गले से लगा लेते है।

विद्या भवन पॉलिटेक्निक के पूर्व विद्यार्थी समागम में यह दृश्य देख सभी भाव विह्वल हो उठे।

पॉलिटेक्निक की पूर्व विद्यार्थी संस्था द्वारा आयोजित इस समागम में विद्या भवन पॉलिटेक्निक से पचास वर्ष पूर्व तथा पच्चीस वर्ष पूर्व इंजीनियरिंग डिप्लोमा शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। पचीस वर्ष पूर्व डिप्लोमा उत्तीर्ण विद्यार्थियों ने अपने परिवार जनों को उन कक्षाओं , प्रयोग शालाओं को दिखाया जिनमें उन्होंने इंजीनियरिंग की शिक्षा ली।

मुख्य अतिथि विद्या भवन सोसायटी के अध्यक्ष डॉ जितेंद्र तायलिया, उपाध्यक्ष हंसराज चौधरी, मुख्य संचालक डा अनुराग प्रियदर्शी, पॉलिटेक्निक प्राचार्य डा अनिल मेहता, पूर्व विद्यार्थी संस्था के अध्यक्ष व प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी नवीन व्यास, उपाध्यक्ष जय प्रकाश श्रीमाली ने पूर्व विद्यार्थियों को संस्था का गौरव व धरोहर बताया तथा उनसे संस्था से निरंतर जुड़े रहने का आग्रह किया। । पूर्व विद्यार्थी संस्था के महासचिव भुवन आमेटा ने संस्था का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया l

कार्यक्रम का संचालन राधा किशन मेनारिया व दर्शना शर्मा ने किया।

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