विभागीय निदेशक उदयपुर के साथ झुंझुनूं और जैसलमेर के सीएमएचओ के डीडीओ पावर तबादला आदेश से नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों को सौंपी
हाईकोर्ट से स्टे लाए डॉ. बामनिया को बड़ा झटका
उदयपुर। उदयपुर में पदस्थ दो—दो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मामले में शुक्रवार को उस समय नया मोड़ आ गया, जब चिकित्सा विभाग ने तबादला सूची में जारी सीएमएचओ डॉ. अशोक आदित्य को आहरण एवं वितरण सहित कार्यालयाध्यक्ष की समस्त पॉवर प्रदान कर दीं। डीडीओ पावर मिलने के बाद अब डॉ. अशोक आदित्य पॉवरफुल सीएमएचओ बन गए हैं और इसे हाईकोर्ट से स्टे लाए सीएमएचओ डॉ.शंकर बामनिया को बड़ा झटका बताया जा रहा है।
इसी तरह जैसलमेर और झुंझुनूं में भी उन्हीं चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सा विभाग ने पॉवर प्रदान की है, जिनका तबादला बतौर सीएमएचओ किया गया था और पूर्व सीएमएचओ हाईकोर्ट के आदेश पर इसी पर डटे हुए हैं।
चिकित्सा विभाग के निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर की ओर जारी आदेश में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि चिकित्सा विभाग के 22 फरवरी एवं 15 मार्च 2024 को जारी तबादला सूची में जिन चिकित्सा अधिकारियों को कार्यालयाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी, वह अग्रिम आदेश तक कार्यालय अध्यक्ष के रूप में कार्य संपादित करेंगे। यानी इस आदेश से यह साफ कर दिया गया है कि उदयपुर में भले ही हाईकोर्ट के आदेश से डॉ. शंकरलाल बामनिया भी सीएमएचओ रहेंगे लेकिन इस पद की असल पॉवर डॉ. अशोक आदित्य के पास रहेगी।
गौरतलब है कि 15 मार्च को जारी तबादला सूची में आरसीएचओ पद पर पदस्थ डॉ. अशोक आदित्य को उदयपुर का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पद पर नियुक्त कर दिया गया था और इस पद पर पदस्थ डॉ. शंकरलाल बामनिया को आरसीएचओ के पद पर लगा दिया था। जिसके बाद डॉ. अशोक आदित्य ने सीएमएचओ का पदभार ग्रहण कर लिया था, किन्तु डॉ. शंकरलाल बामनिया के हाईकोर्ट से स्टे लाए जाने के बाद वह फिर से सीएमएचओ की कुर्सी पर जम गए थे। यहां तक डॉ.बामनिया ने डॉ.अशोक आदित्य से सरकारी वाहन तक छीन लिया था।
इस मामले में डॉ. अशोक आदित्य का कहना है कि डीडीओ पॉवर राज्य सरकार के पास रहते हैं। डॉ. बामनिया ने कोर्ट स्टे लाने के बाद राज्य सरकार को ही नसीहत दे बैठे थे कि सरकार प्रमोशन कर सकती है ना कि डिमोशन।
विवादों में रहे डॉ. बामनिया
उल्लेखनीय है कि पिछले महीनों से उदयपुर के सीएमएचओ रहे डॉ.शंकरलाल बामनिया लगातार विवादों में रहे। यह माना जा रहा था कि उसी के चलते उनका तबादला सीएमएचओ पद से किया गया। चर्चा यह भी है कि डॉ. बामनिया के सीएमएचओ रहते हुए उन पर प्रशासनिक अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना, चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार, अपने चिकित्सक बेटे को कार्यवाही से बचाने के लिए संगठन का दुरुपयोग करना और बीडीओ को शराबी कहना, टेंडर्स में गड़बड़ी सहित अनेकों आरोपों को लेकर मौजूदा सरकार ने उन्हें इस पद से हटा दिया था।
संयुक्त निदेशक पद पर भी इसी तरह रार
उदयपुर संयुक्त निदेशक पद पर भी इसी तरह रार है। जिसके चलते माना जा रहा है कि हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद अब चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक पद पर कार्यालयाध्यक्ष पद का पावर डॉ. प्रकाश चंद्र शर्मा को मिल जाएगा। जबकि हाईकोर्ट से स्टे लेकर यहां जुल्फिकार अहमद काजी जमे हुए हैं।
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