
उदयपुर। भारत की प्रमुख धातु उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सेरेंटिका रिन्यूएबल्स के साथ एक ऐतिहासिक पावर डिलीवरी एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, हिंदुस्तान जिंक की 24×7 अक्षय ऊर्जा क्षमता 450 मेगावाट से बढ़कर 530 मेगावाट हो गई है, जिससे कंपनी की कुल बिजली आवश्यकताओं का 70 प्रतिशत अब रिन्यूएबल एनर्जी से पूरा होगा।
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्रांति
यह भारत का पहला 24×7 अक्षय ऊर्जा पीडीए (पावर डिलीवरी एग्रीमेंट) है, जो हर 15 मिनट के टाइम ब्लॉक में कम से कम 315 मेगावाट निर्बाध बिजली आपूर्ति की गारंटी देता है। इस परियोजना के तहत नए सोलर, विंड और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम विकसित किए जाएंगे, जिससे कंपनी की बिजली आपूर्ति पहले से ज्यादा स्थिर और भरोसेमंद होगी।
ग्रीन जिंक उत्पादन में अग्रणी कदम
सेरेंटिका का 180 मेगावाट सोलर पार्क हिंदुस्तान जिंक को अक्षय ऊर्जा उपलब्ध कराएगा, जिसका उपयोग एशिया के पहले कम कार्बन ग्रीन जिंक “इकोजेन” के उत्पादन में किया जाएगा। यह पहल 2050 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन हासिल करने के हिंदुस्तान जिंक के लक्ष्य को बल देती है।
सीईओ अरुण मिश्रा का बड़ा बयान
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने इस करार को कंपनी की जलवायु कार्रवाई रणनीति में अहम कदम बताया। उन्होंने कहा,
“अक्षय ऊर्जा से 70% बिजली प्राप्त कर, हम कार्बन उत्सर्जन में 70% तक कमी लाने का लक्ष्य रखते हैं। हमारा प्रयास है कि 2050 तक या उससे पहले नेट-ज़ीरो लक्ष्य हासिल कर लें।”
सेरेंटिका की भूमिका
सेरेंटिका रिन्यूएबल्स के सीईओ अक्षय हीरानंदानी ने कहा,
“हर 15 मिनट के ब्लॉक में 315 मेगावाट की गारंटी देकर हम हिंदुस्तान जिंक को स्थिर और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं।”
सेरेंटिका को 26वें एसएंडपी ग्लोबल एनर्जी अवार्ड्स में ‘डील ऑफ द ईयर – फाइनेंशियल’ पुरस्कार भी मिल चुका है।
सस्टेनेबिलिटी में हिंदुस्तान जिंक का दबदबा
- एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 में लगातार दूसरे वर्ष दुनिया की सबसे सस्टेनेबल मेटल और माइनिंग कंपनी का खिताब मिला।
- ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन 2020 की तुलना में 14% कम किया गया।
- 75% बाजार हिस्सेदारी के साथ हिंदुस्तान जिंक भारत की सबसे बड़ी जिंक उत्पादक कंपनी है।
- कंपनी 2.41 गुना वाटर-पॉजिटिव प्रमाणित भी है।
हिंदुस्तान जिंक और सेरेंटिका का यह समझौता भारतीय उद्योगों के लिए एक मिसाल है। यह न सिर्फ कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की दिशा में मजबूत कदम है, बल्कि भारत के नेट-ज़ीरो लक्ष्य को प्राप्त करने में भी योगदान देगा।
About Author
You may also like
-
भारतीय कुमावत क्षत्रिय महासभा उदयपुर ने जिला मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन, आलोक स्कूल में छेड़छाड़ के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग
-
आंध्र प्रदेश: श्रीकाकुलम के वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़, 10 श्रद्धालुओं की मौत
-
उदयपुर में हुई RBI सेंट्रल बोर्ड की बैठक : ग्लोबल-डोमेस्टिक हालात की समीक्षा
-
Billie Eilish urges billionaires to “give away their money” — makes remark while Mark Zuckerberg watches.
-
SS Rajamouli’s Baahubali: The Epic Poised to Rewrite Box Office History