उदयपुर। डूंगरपुर जिले में नीलगाय का शिकार करने के बाद झाड़ियों में छिपे तेंदुए ने एक मीडियाकर्मी पर हमला कर दिया। दोनों के बीच पांच मिनट तक जंग चलती रही। बुरी तरह घायल होने के बाद भी मीडियाकर्मी ने तेंदुए को दबोचे रखा और उसके ऊपर बैठा रहा। जिसके बाद ग्रामीणों ने तेंदुए को रस्सियों से बांधा। सूचना पर पहुंचे वनकर्मी तेंदुए को रेस्क्यू कर अपने साथ लेकर गए।
घटना डूंगरपुर जिले के भादर वन क्षेत्र के गड़िया भादर मेतवाला गांव की है। जहां रविवार सुबह करीब छह बजे मेघ तालाब के पास तेंदुआ दिखाई दिया था। उसने एक नीलगाय का शिकार किया और झाड़ियों के बीच ले जाकर उसे खा रहा था। गांव में तेंदुए की सूचना पर करीब सात बजे गांव का उप सरपंच तथा गांव के अन्य लोग वहां पहुंचे। सूचना की कवरेज के लिए गांव का मीडियाकर्मी गुणवंत कलाल भी बीस मिनट बाद वहां पहुंच गया।
गांव के लोगों ने झाड़ियों में छिपे तेंदुए को भगाने का प्रयास किया लेकिन तेंदुआ दूसरी ओर भागने की बजाय उन्हीं लोगों की ओर लपका। उसने भागते मीडियाकर्मी पर हमला कर दिया था। तेंदुए ने कलाल के एक पैर को अपने जबड़े में दबोच लिया था। हमला होते दूसरे लोग भाग छूटे लेकिन गुणवंत ने खुद को बचाने के लिए अपने दूसरे पैर से तेंदुए के मुंह पर हमला किया। इससे उसका पैर तेंदुए की गिरफ्त से छूट गया। किन्तु तेंदुए ने फिर से कलाल पर हमला किया तो उसने तेंदुए का जबड़ा अपने हाथों से पकड़ लिया और उसके उपर बैठ गया। इस दौरान तेंदुआ और मीडियाकर्मी के बीच जंग चलती रही। पांच मिनट बाद गांव के लोगों ने हिम्मत दिखाई और पहले से ही साथ में लाई रस्सियों से तेंदुए को बांध लिया। तब तक मीडियाकर्मी तेंदुए को दबोचे रहा। करीब सवा आठ बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तथा तेंदुए का रेस्क्यू कर अपने साथ ले गईं।
फोटो कैप्शन .. तेंदुए को दबोच कर उसके ऊपर बैठा मीडियाकर्मी। इंटरनेट मीडिया
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