कटारिया का डर खत्म ? : वसुंधरा राजे को नजरंदाज करने वाले अब करने लगे चरण स्पर्श और स्वागत

उदयपुर। उदयपुर में इस वक्त की सबसे बड़ी सियासी खबर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की शुक्रवार को होने वाली सभा की है। इस सभा के कई छिपे हुए राजनीतिक मायने हैं, लेकिन जो दिखाई दे रहा है वो यह है कि जो लोग पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के उदयपुर के आगमन पर उन्हें नजरंदाज करते थे, वही लोग चरण स्पर्श और स्वागत करने में अग्रिम पंक्ति में खड़े दिखाई दे रहे हैं। दरअसल इससे लगता है कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष और उदयपुर के कद्दावर विधायक श्रीमान गुलाबचंद कटारिया के समर्थकों में उनका डर खत्म हो गया है। वे बेखौफ किसी भी नेता के स्वागत में दौड़ रहे हैं, कुलांचे मार रहे हैं क्योंकि ये सब विधायक के दावेदार हैं। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गुरुवार शाम को केंद्रीय मंत्री अमित शाह के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने आई हैं।


वसुंधरा राजे को नजरंदाज करने वाले इन नेताओं के बारे में यह कोई नई बात नहीं है। वे खुद और पार्टी के कार्यकर्ता भी इस बारे में जानते हैं कि पिछले पांच सालों में उनका नजरिया क्या रहा है‌? यही वजह है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के स्वागत में कतार लगाकर खड़े रहने और स्वागत के होड़ में जो भी दिखाई दे रहे हैं, उनके बारे में कार्यकर्ता ही सवाल खड़े कर रहे हैं।


बहरहाल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का उदयपुर की सरजमीं से चुनावी आगाज करने के भी कई सियासी मायने हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार मेवाड़ पर फोकस कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में वे 15 से अधिक बार उदयपुर व मेवाड़ के दौरे कर चुके हैं। भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी मेवाड़ के चित्तौड़गढ़ से सांसद हैं, जिनका कार्यक्षेत्र उदयपुर जिला भी रहा है।

मेवाड़ की 28 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पूरी ताकत लगाए हुए हैं। क्योंकि कहा जाता है कि मेवाड़ पर पकड़ रखने वाला नेता ही सत्ता की बागडोर संभालता है। आधुनिक राजस्थान के निर्माता पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मोहनलाल सुखाड़िया, स्व. हरिदेव जोशी, हीरालाल देवपुरा, शिवचरण माथुर जैसे नेता मेवाड़ से मुख्यमंत्री बने थे।

About Author

1 thought on “कटारिया का डर खत्म ? : वसुंधरा राजे को नजरंदाज करने वाले अब करने लगे चरण स्पर्श और स्वागत

  1. ग्रामीण क्षेत्र के स्कूली बालकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए व्व अपने चहेते शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति लंबे समय तक करके शिक्षण कार्य बाधित कर रहे हैं ।कार्यवाही नहीं होने परभिभावक चुनाव का बहिष्कार करने को मजबूर होंगे

Leave a Reply