
उदयपुर। राजस्थान में इस समय चुनावी सरगर्मियां ने जोर पकड़ लिया है। दावेदार टिकट पाने के लिए जिस प्रकार अपनी पार्टी के नेताओं के सामने घुटने टेक रहे हैं, अगर वो इसी प्रकार जनता की समस्याओं से रूबरू हो जाएं तो शायद उन्हें नहीं बल्कि पार्टी नेताओं को उनकी दहलीज पर आना पड़ सकता है। सच यह है कि हर दावेदार धन और चमचागिरी के जरिए टिकट पाना चाहते हैं।
यह खबर में एमबी अस्पताल के इमरजेंसी के गेट के सामने से लिख रहा हूं। इमाजेंसी गेट के सामने रोड की हालत इस कदर खराब है कि मरीजों और उनके परिजनों का आना जाना दुभर हो रहा है। यही रोड ट्रॉमा सेंटर भी जाती है। सोच लो मरीजों का हाल क्या हो जाता होगा?
इस पूरी रोड पर इतने गड्ढे हैं, जितेन गड्ढे पूरे शहर में भी नहीं होंगे। बारिश में सड़क बनाना भले संभव नहीं है, लेकिन इन गड्ढों को अस्थाई तौर पर भरा जा सकता है।

MB अस्पताल में बहुत कुछ सुधार हुआ, लेकिन अब भी बहुत सुधार की गुंजाइश
MB अस्पताल की इमरजेंसी में व्हील चेयर, स्ट्रेचर और वार्ड बॉय की कमी अब भी हैं। जो लोग काम कर रहे हैं, वे साधुवाद के पात्र हैं। संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने व मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण जितने व्हील चेयर, स्ट्रेचर और वार्ड बॉय हैं, वो नाकाफी हैं।
अब भी तीन से चार गुना व्यवस्था करने की जरूरत है। अगर जिम्मेदारों को यह सबकुछ गलत व झूठ लगे तो एक बार सामान्य व्यक्ति बनकर कुछ देर इमरजेंसी में आकर देखें। यदि इंसानियत होगी तो आपको ये सब समय जरूर महसूस होगी।
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