
“राजसी ठाट-बाट से दूर, आज जब मेवाड़ का शाही चिराग विद्यार्थियों के बीच एक साधारण छात्र की तरह नजर आया… तो हर आंख में था सम्मान और हर दिल में प्रेरणा।”
उदयपुर से एक खास तस्वीर सामने आई है। जनार्दनराय नगर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने मंच पर गोल्ड मेडल प्रदान किया—तो वह शख्सियत कोई और नहीं, बल्कि मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ थे।
एमबीए में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। लेकिन जो बात सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही, वो थी डॉ. लक्ष्यराज सिंह की विनम्रता। वीवीआईपी सीट उनके लिए आरक्षित थी, लेकिन उन्होंने उसे ठुकराकर विद्यार्थियों के बीच बैठना चुना।
इस पर उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालयों के प्रति गुरुकुल जैसी पवित्र भावनाएं रखने से ह्रदय को आनंद की अनुभूति होती है।”
डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का यह सम्मान शैक्षणिक दुनिया में उनका दूसरा बड़ा मुकाम है। कुछ ही समय पहले उन्हें अजिंक्य डी.वाय. पाटिल यूनिवर्सिटी, पुणे ने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (D.Litt.) की मानद उपाधि से नवाजा था। इससे पहले, वर्ष 2022 में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से भी वे D.Litt. की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं।
“राजसी खून हो सकता है विरासत में मिले… लेकिन ज्ञान की चमक मेहनत से ही हासिल होती है। और यही उदाहरण बने हैं डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़—जहां विरासत और विद्वता दोनों का अद्भुत संगम देखने को मिला।”
About Author
You may also like
-
पट्टों की मांग को लेकर 70 पंचायतों का हल्ला बोल, कलेक्ट्रेट पर चढ़े बैरिकेड्स; प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम
-
IPL ऑक्शन में इतिहास रचा : कैमरन ग्रीन 25.20 करोड़ में KKR के बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी
-
एक दिव्यांग की नज़र से : नारायण सेवा संस्थान का दीर्घकालिक दृष्टिकोण और World of Humanity अस्पताल
-
सुशासन का संकल्प : समय पर भर्ती, पेपर लीक पर पूर्ण विराम — राजस्थान सरकार के 2 वर्ष की उपलब्धियां गिनाईं राठौड़ ने
-
फतेहसागर पाल पर फ्लावर शो देखने जाएं…तो इस बदहाल स्थित को जरूर देखें