
सिर के ऊपर नीला आसमान नहीं, अब सलाखों का साया है।
कभी दुबई की चमचमाती गलियों में अपने पुलिस कार्ड के दम पर रसूख दिखाने वाला इलियास खान अब राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) के शिकंजे में है। ये वही इलियास है, जो सिर्फ नाम का खान नहीं था—वह लॉरेंस विश्नोई और रोहित गोदारा जैसे दुर्दांत गैंगस्टरों के लिए ‘वतन से दूर वतन’ का इंतज़ाम करता था।
दुबई में गैंग का ‘गाइड’
30 वर्षीय इलियास खान, सीकर जिले के रामगढ़ सेठान का रहने वाला है। दुबई पुलिस के स्टोर डिपार्टमेंट में नौकरी करते हुए वह खुद को क़ानून का रखवाला समझने लगा, मगर असल में वह अपराध की अंधेरी दुनिया में पनाह देने वाला बन गया था। दुबई के पहचान पत्र और पुलिस कार्ड का वह ऐसा दुरुपयोग करता रहा, जो कानून के रखवालों को भी चौंका दे।
हवाले से पैसा भेजना, गैंगस्टरों को पनाह देना और भारत से उन्हें अंदर की खबरें देना — ये उसका रोज़ का धंधा बन गया था। रोहित गोदारा, वीरेंद्र चारण, महेन्द्र सारण जैसे नामचीन अपराधियों को उसने दुबई में छिपाया और अपनी छाया में उनकी सुरक्षा की गारंटी दी।
RCN की खबर भी देता था पहले
जांच में खुलासा हुआ है कि इलियास केवल ठिकाने नहीं देता था, वो भारतीय एजेंसियों की हलचल तक की जानकारी गैंग तक पहुंचाता था। कोई रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ या नहीं — ये जानकारियां भी उन्हीं तक पहुंचती थीं।
गिरफ्तारी का ऑपरेशन: रामगढ़ में घेराबंदी
एडीजी दिनेश एम.एन. की अगुवाई और डीआईजी योगेश यादव की निगरानी में, एएसपी सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में टीम ने रामगढ़ सेठान में दबिश दी। जैसे ही इलियास भारत लौटा, एजीटीएफ की नज़रें उसके हर कदम पर थीं। मौका मिलते ही उसे दबोच लिया गया।
दो शादियां, एक दहेज केस और अब गहन पूछताछ
इलियास की निजी ज़िंदगी भी उतनी ही उलझी हुई है जितनी उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि। उस पर दहेज प्रताड़ना का केस भी दर्ज है और उसने दो शादियां की हैं। अब SIT उससे देश-विदेश के गैंग कनेक्शन और दुबई में फैले इस अंडरवर्ल्ड नेटवर्क की पूरी कुंडली निकलवाने में जुटी है।
एजीटीएफ की टारगेटेड कार्रवाई
लॉरेंस और गोदारा जैसे गैंगस्टर्स को विदेशी जमीन पर पनाह देने वालों को पकड़ना राजस्थान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती रही है। AGTF को इलियास की करतूतों की पुख्ता जानकारी थी। और जैसे ही वह दुबई से भारत लौटा, शिकंजा कसना तय था।
ये तो शुरुआत है
इलियास की गिरफ्तारी सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उस छिपे नेटवर्क का एक सिरा है, जिसके तार भारत से लेकर दुबई तक फैले हैं। एजीटीएफ की नजर अब उस पूरी चेन पर है, जो गैंगस्टर्स को सरहद के पार से मदद पहुंचाती रही।
कहानी अभी जारी है… अगले खुलासे का इंतज़ार कीजिए।
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