शिल्पग्राम महोत्सव 2024 : भारतीय संस्कृति की अद्भुत झलक

स्थान: पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर
तिथि: 21 से 30 दिसंबर 2024

उदयपुर। यहां शिल्पग्राम महोत्सव ने इस वर्ष भी अपनी विशिष्टता और सांस्कृतिक भव्यता से कला प्रेमियों और शिल्पकारों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रविवार को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने महोत्सव का दौरा किया और मुक्ताकाशी मंच से कला प्रेमियों को संबोधित किया।

भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रभाव:
श्री शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में हमारी सांस्कृतिक शक्ति दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत हमारी आर्थिक और सामरिक ताकत का अभिन्न हिस्सा बन रही है।

शिल्पग्राम महोत्सव का महत्व:
महोत्सव में देशभर के शिल्पकारों और कलाकारों ने अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया। श्री शेखावत ने बताया कि इस महोत्सव के माध्यम से हस्तशिल्पियों और कलाकारों को न केवल आर्थिक लाभ होता है, बल्कि उनकी कला को पहचान भी मिलती है।

लोक नृत्य और संगीत ने किया मंत्रमुग्ध:
महोत्सव के मुक्ताकाशी मंच पर लोक नृत्य और संगीत ने दर्शकों का मन मोह लिया। राजस्थानी चरी नृत्य, गुजरात के राठवा आदिवासी नृत्य, गवरी नृत्य नाटिका और कच्छी लोक गायन ने दर्शकों को बांधे रखा। विशेषकर महाराष्ट्र के सोंगी मुखौटे में नर्तकों की भाव-भंगिमाओं ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ खूब प्रशंसा पाई।

हिवड़ा री हूक: हर दिल की आवाज़:
बंजारा मंच पर आयोजित ‘हिवड़ा री हूक’ ने संगीत प्रेमियों को अपनी कला प्रस्तुत करने का मंच दिया। लोक गीत और सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी जैसे आयोजनों ने कार्यक्रम को और भी रोचक बना दिया। सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों को ‘शिल्पग्राम मोमेंटो’ प्रदान किया गया।

संस्कृति को संरक्षित करने का प्रयास:
संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद और पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने महोत्सव की सफलता का श्रेय प्रतिभागियों, शिल्पकारों और दर्शकों को दिया। निदेशक फुरकान खान ने बताया कि शिल्पग्राम में वर्षभर सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन सुनिश्चित करने के लिए एक वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाएगा।

शिल्पग्राम महोत्सव: संस्कृति, कला और सहयोग का संगम
हर साल की तरह इस बार भी शिल्पग्राम महोत्सव ने संस्कृति के विभिन्न आयामों को सजीव किया और लोक कला को जीवंत बनाए रखने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया। यह महोत्सव न केवल कला प्रेमियों के लिए एक अनूठा अनुभव है, बल्कि भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को जानने का एक बेहतरीन अवसर भी है।


उदयपुर का शिल्पग्राम महोत्सव 2024 न केवल भारतीय संस्कृति का उत्सव है, बल्कि यह हमारे लोक कलाकारों और हस्तशिल्पियों के लिए एक नई ऊर्जा का स्रोत भी है।

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