फोटो : कमल कुमावत
उदयपुर। उदयपुर, जिसे प्यार से ‘झीलों की नगरी’ कहा जाता है, अपनी खूबसूरती और शांति के लिए पूरे देश में जाना जाता है। लेकिन हाल ही में इस शहर ने एक ऐसा दिन देखा, जिसने उसकी इस शांत छवि पर गहरा असर डाला। सहपाठी द्वारा चाकू के हमले में मारे गए छात्र देवराज का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस घटना ने शहर के हर शख्स को गहरे सदमे में डाल दिया। इस मौके पर हर आंख में आंसू थे, हर दिल में दर्द, लेकिन लोगों ने धैर्य बनाए रखा।
शहर की खूबसूरत झीलें और महल भी उदास दिखाई दिए, जैसे वे भी इस मासूम के खोने का शोक मना रहे हों। इस दुखद घटना ने शहरवासियों के दिलों में गहरा घाव छोड़ दिया है, जो शायद कभी न भर सके।
अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने नम आँखों से एकजुट होकर यही प्रार्थना की कि उदयपुर की इस खूबसूरती में अब कभी भी ऐसा काला धब्बा न लगे। शहरवासियों ने एक स्वर में कहा, “उदयपुर जितना खूबसूरत है, हम भी उतने ही सौहार्दपूर्ण और शांतिप्रिय बनें।”
इस घटना ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे हम एकजुट रहकर अपने शहर को नफरत और हिंसा से बचा सकते हैं। हर कोई यही दुआ कर रहा है कि उदयपुर फिर कभी ऐसा दिन न देखे, और यह शहर अपनी सौंदर्य और सौहार्द की मिसाल बनाए रखे।
शहर में सुरक्षा के इंतजाम अभी भी चाक-चौबंद हैं, और पुलिस द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है। लेकिन उदयपुर के दिल में अब सिर्फ एक ही ख्वाहिश है—शांति, प्यार, और एकजुटता से भरा हुआ भविष्य।
बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम में कमिश्नर राजेंद्र भट्ट, कलेक्टर अरविंद पोसवाल, आईजी अजयपाल लांबा, एसपी योगेश गोयल समेत पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने बखूबी कर्तव्य पालन का निर्वहन किया।
शहर में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए विधायक ताराचंद जैन, फूलचंद मीणा, सांसद मन्नालाल रावत, बीजेपी जिलाध्यक्ष रविंद्र श्रीमाली, चंद्रभान सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष फतहसिंह राठौड़ ने अहम भूमिका निभाई। अंतिम संस्कार में भी शहर के सभी जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
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