उदयपुर। राज्य में वन्य जीवों का वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीव संख्या आकलन कार्य मई माह की वैशाख पूर्णिमा 23 मई को सुबह 8 बजे से 24 मई सुबह 8 बजे तक किया जाएगा। उदयपुर संभाग में समस्त संरक्षित क्षेत्र, प्रादेशिक वन मण्डलों एवं अन्य महत्वपूर्ण वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्रों में इस कार्यक्रम को सफल बनाने, प्राणी पहचान एवं अन्य संबंधित पहलुओं की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण सोमवार को चेटक सर्कल स्थित वन भवन सभागार में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने वन्यजीवों की पहचान के बारे में बताया और वाटर हॉल पर विशेष सावधानियां रखने के लिए प्रेरित किया। वन्यजीव विशेषज्ञ श्री डॉ सतीश कुमार शर्मा द्वारा उदयपुर के वन क्षेत्रों में पाए जाने वाले वन्यजीवों की पहचान, व्यवहार एवं प्राकृतिक आवास के संबंध में बताया और पीपीटी के माध्यम से वन्यजीवों के चित्रों को डिजिटल माध्यम से दिखाते हुए इनके बनावट शरीर पर प्राकृतिक आकृति के आधार पर पहचान करने की जानकारी दी। विशेषज्ञ प्रताप सिंह चुण्डावत ने भी रेप्टाइल्स एवं पक्षियों के बारे में तकनीकी जानकारी दी। उप वन संरक्षक देवेन्द्र कुमार तिवारी ने विभागीय नियमों की जानकारी देते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक द्वारा जारी निर्देशों के बारे में बताया और विभाग द्वारा वाटर हॉल पर गणना के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं एवं गणना के समय रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी। इस कार्यशाला में 51 स्वयंसेवी, पर्यावरण प्रेमी, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भाग लिया गया। विभाग द्वारा प्रत्येक सहभागी को बुकलेट एवं विभागीय गाइडलाइन उपलब्ध कराई गई। सहायक वन संरक्षक गणेशी लाल गोठवाल ने भी डिवीजन के अभयारण्यों में वाटर हॉल की संख्या के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
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