
विधायक फूल सिंह मीणा एक दिन बाद पहुंचे मौका-ए-वारदात पर
सरकार को विधानसभा में इस घटना पर जवाब देना चाहिए
उदयपुर। उदयपुर की गिर्वा तहसील क्षेत्र के पोपल्टी के फला में दूषित पानी पीने से चार लोगों की मौत हो गई। कई अब भी बीमार है। विधायक फूल सिंह मीणा रविवार को गांव में मौका-ए-वारदात पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। लेकिन क्या विधायक महोदय से यह सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए कि तीन-तीन बार आप वोट मांगने गए तब गांव में पानी की समस्या आपको क्यों नहीं दिखाई दी। एसी रूम में बैठकर हर रोज मीटिंग करने वाले तमाम अधिकारियों से भी सवाल पूछे जाने चाहिए कि आखिर इन ग्रामीणों की मौतों का जिम्मेदार कौन हैं? यदि जिम्मेदारी तय नहीं कर सकते हैं तो सभी जिम्मेदारों को चुल्लू भर पानी डूब जाना चाहिए।
इस घटना की आंच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक भी जाएगी क्योंकि ईआरसीपी पेयजल योजना को लेकर जितनी वाही-वाही बंटोर रहे हैं, उनको इस बात का जवाब देना चाहिए कि आखिर जिस प्रदेश के वे मुखिया हैं, वहां दूषित पानी पीने से लोगों की मौतें क्यों हुई? सवाल यह है कि जिस प्रदेश में आईपीएल के तमाशे के लिए लाखों लीटर पानी मैदान को ठीक करने में बहा दिया जाता हो, उस राज्य में लोगों को पीने का साफ पानी क्यों नहीं मिल रहा है? इक्कीसवीं सदी में भी विकास का ढिंढोरा पीटने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए इससे बड़ी शर्म की घटना कोई और नहीं हो सकती है।

यह घटना स्पष्ट करती है कि विकास के दावे और हकीकत में कितना अंतर है। जब तक जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से नहीं निभाएंगे, तब तक इस तरह की घटनाओं को रोकना मुश्किल होगा। विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा और आवश्यक कदम उठाए जाने की सख्त जरूरत है।
स्मरण है कि उदयपुर के कोटड़ा क्षेत्र में सदी के पहले दशक में जब बुखार से दस लोगों की मौत हो गई तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरी सरकार के साथ उस गांव में पहुंच गए थे।
घटना के दूसरे दिन विधायक मीणा बीमार लोगों से मिलने अस्पताल पहुंचे एवं उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। विधायक फूलसिंह मीणा ने मृतक परिवारों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने के लिये कहा। पीने का पानी दूषित कैसे हो गया इसकी जिला कलेक्टर से विभागीय जांच करवाने के निर्देश दिए और कहा कि इसकी प्रशासन पूरी तरह से जांच करें कि पानी दूषित कैसे हो गया?
विधानसभा मिडिया प्रभारी बी.एल. डांगी ने बताया कि उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन से ग्रामीणों को पीने के पानी के लिये तत्काल 22 जुलाई 2024 से पानी के पानी के टेंकर एवं केम्परों की व्यवस्था करने के लिये कहा जिससे अन्य किसी व्यक्ति की अकाल मौत नहीं हो।
About Author
You may also like
-
एसीबी की कार्रवाई में उदयपुर CMHO ऑफिस का अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया
-
हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड ने की समावेशी भाषा गाइडबुक लॉन्च : सम्मान की भाषा, समानता का सफर, सामाजिक और भावनात्मक दस्तावेज़
-
जंगल के बीच एक जीवनदीप : डॉ. जेके छापरवाल और साथियों की 45 वर्षों की मौन साधना
-
माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली CISF की पहली महिला अधिकारी गीता सामोता को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने प्रदान किया राष्ट्रपति प्रशंसा पत्र
-
डॉक्टर्स डे : जब जिंदगी ऑपरेशन थिएटर में सांसें गिन रही थी… और एक डॉक्टर ने उम्मीद बचा ली