तमिलनाडु। कल्लाकुरिची जिले में ज़हरीली शराब पीने से अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। मरने वालों में अधिकांश लोग करुणापुरम के निवासी हैं।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन मृतकों की संख्या कम बता रहा है। उनका कहना है कि जिनकी मौत अस्पताल में नहीं हुई, उन्हें गिनती में शामिल नहीं किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री की तत्परता और सहायता की घोषणा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने गुरुवार सुबह एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम भी शामिल थे। इस बैठक में मुख्यमंत्री को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, “कल्लाकुरिची में हुई घटना से मैं आहत हूं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। मैं खुद इस घटना पर नज़र रख रहा हूं।” उन्होंने आश्वासन दिया कि अस्पताल में भर्ती लोगों का बेहतर इलाज किया जा रहा है और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
सरकार ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
प्रशासनिक कार्रवाई और जांच समिति का गठन
ज़हरीली शराब कांड के बाद कल्लाकुरिची के जिलाधिकारी का तबादला कर दिया गया है। पुलिस उपाधीक्षक सहित दस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। तमिलनाडु सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश गोकुलदास की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। यह आयोग तीन महीने के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगा।
समाज में उथल-पुथल और न्याय की मांग
इस घटना ने तमिलनाडु में समाज को हिला कर रख दिया है। स्थानीय निवासियों और पीड़ित परिवारों ने न्याय की मांग की है और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
सरकार ने ज़हरीली शराब के कारोबार पर सख्ती बरतने का वादा किया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। जांच समिति की रिपोर्ट और प्रशासनिक कार्रवाई से उम्मीद है कि इस दुखद घटना के पीछे के सभी जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
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