ऐपवा : गाजा में निर्दोष नागरिकों, बच्चों-महिलाओं, अस्पतालों पर हमले और जनसंहार के विरोध में उदयपुर में प्रदर्शन

उदयपुर। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ने आज यहाँ गाजा पर निर्दोष लोगों, महिलाओं, बच्चों और अस्पतालों पर इज़रायल द्वारा किए जा रहे बर्बर हमलों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया।

ऐपवा की राज्य सचिव डॉ फ़रहत बानो ने कहा की जबकि पूरी दुनिया में फिलिस्तीन पर हमला रोकने और युद्ध बंद करने की मांग हो रही है। हमारे देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की केंद्र सरकार निर्लज्जता के साथ फिलिस्तीन के प्रति भारत की दशकों पुरानी नीति का परित्याग करते हुए अरबों की जमीन हथियाने वाले इजरायल के समर्थन में खड़ी दिखाई दे रही है।

फिलिस्तीनियों के खिलाफ किए जा रहे युद्ध अपराध की ओर से पीठ फेर ली है। भाजपा आरएसएस का पूरा तंत्र बेशर्मी से हमास के इज़राइल पर हमले को भारत में अतंकवाद से समानता दिखाने की कौशिश करते हुए इसका उपयोग मुसलमानों के खिलाफ नफरत भड़काने में कर रहा है। पूरी दुनिया गाजा में इजरायली जनसंहार पर रोक लगाने की मांग कर रही है लेकिन मोदी सरकार ने गाजा पर हमले को रोकने के यूएनओ के प्रस्ताव की वोटिंग में अनुपस्थित रहकर पूरी दुनिया में भारत को शर्मसार किया है।

गाजा में अब तक 8000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं,जिसमे 3 हजार से ज्यादा बच्चे हैं और करीब 2 हजार महिलाएं हैं। अस्पतालों को निशाना बनाया जा रहा है और पचास हज़ार से अधिक आवासीय भवन नेस्तनाबूद कर दिये गये हैं। फ़िलिस्तीन को दुनिया की सबसे बड़ी खुली जेल बना दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे अभूतपूर्व मानवीय संकट करार दिया है।
ऐसी स्थिति में गाजा में जारी जनसंहार पर तत्काल रोक लगाने और वहां शांति की बहाली की मांग को पुरजोर तरीके से उठाने की जरूरत है।


अखिल भारतीय प्रग़ातिशील महिला ऐसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न बस्तीयों में नारे लगाते हुए हमले रोकने और फिलिस्तीनियों को न्याय दिलाने, गाजा से इज़रायली कब्जे हटाने, इजरायल गाजा पट्टी पर हमले बंद करो, युद्ध नहीं शान्ति चाहिए आदि नारों के पोस्टर हाथों में लेकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कामरेड रिंकू, राजश्री, मुन्नी, जायसा, सुहाना, अमरी, फ़रहत, समीरा, कालकी बाई, आफरीन आदि कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी बात रखी।

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