कोलकाता। बांग्लादेश के तटीय इलाकों में चक्रवात रेमल के तीव्र होने के साथ ही हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में जा रहे हैं। यह चक्रवात रविवार शाम तक एक तीव्र चक्रवाती तूफ़ान में बदल सकता है।
प्रभावित क्षेत्र और तैयारी
तटीय गांवों में रहने वाले लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है और जो पहले से समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत वापस लौटने के निर्देश दिए हैं।
चक्रवात की स्थिति
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में सागर द्वीप से करीब 420 किलोमीटर दक्षिण में भारी दबाव केंद्रित है। 26 मई की मध्यरात्रि तक यह चक्रवात बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है।
सतर्कता और बचाव
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जिलों में चेतावनी जारी की गई है। लोगों को कमजोर इमारतों को खाली करने के लिए कहा गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तूफान के कारण बाढ़, बिजली और संचार लाइनों को नुकसान हो सकता है।
बचाव के प्रयास
तटीय क्षेत्रों में प्रशासन ने राहत और बचाव के इंतजाम किए हैं। सुरक्षित स्थानों पर लोगों के लिए भोजन, पानी और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था की गई है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल आपातकालीन सेवाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन की अपील
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तुरंत मदद के लिए संपर्क किया जा सकता है।
चक्रवात रेमल के संभावित प्रभाव को देखते हुए बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में उच्चतम स्तर की सतर्कता बरती जा रही है। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है।
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