यरुशलम। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने पर बोले नेतन्याहू-हमास से लोकतांत्रिक इसराइल की तुलना को मैं खारिज करता हूं। उन्होंने अभियोजक पक्ष की ओर से हमास के नेताओं के साथ ही उनके गिरफ़्तारी वॉरंट की मांग किए जाने की निंदा की है।
नेतन्याहू के बयान का अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी समर्थन करते हुए कहा- इसराइल और हमास के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती है।
जवाब में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के मुख्य अभियोजक करीम ख़ान ने कहा कि ऐसे कई कारण हैं, जिससे यह माना जा सकता है कि नेतन्याहू और इसराइल के रक्षा मंत्री याओव गैलेंट को ग़ज़ा में युद्ध अपराधों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है।
आईसीसी ने ग़ज़ा में हमास के नेता याह्या सिनवार के ख़िलाफ़ भी युद्ध अपराधों के लिए वॉरंट की मांग की है।
इसराइल और उसका अहम सहयोगी अमेरिका आईसीसी के सदस्य नहीं है. इस न्यायालय की स्थापना साल 2002 में हुई थी। आईसीसी के अभियोजक का आरोप है कि ग़ज़ा युद्ध में इसराइल ने भूख को नागरिकों के ख़िलाफ़ हथियार की तरह इस्तेमाल किया है, जिसके हमारे पास पास इसके पुख्ता सबूत हैं।
अभियोजक ने हमास के तीन नेताओं के ख़िलाफ़ भी 7 अक्तूबर को इसराइल पर हुए हमले के संबंध में युद्ध अपराधों और मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के लिए गिरफ़्तारी वॉरंट मांगा है। अभियोजक का कहना है कि ये निर्णय स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का नतीजा है. अब अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के जज ये तय करेंगे कि गिरफ़्तारी वारंट जारी किया जाए या नहीं.
इसराइल के राष्ट्रपति नेतन्याहू ने उनकी गिरफ़्तारी की मांग को ‘बेतुका और झूठा बताया है। हीब्रू में जारी बयान में उन्होंने पूछा है, “आईसीसी की इतनी जु़र्रत कैसे हुई कि उसने हमास और इसराइल की तुलना की। ये तुलना सच को तोड़ने-मरोड़ने जैसा है।
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