अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान करने के साथ युवाओं के कौशल विकास में निम्स अग्रणी : प्रो. अमेरिका सिंह,पूर्व कुलपति एवं सलाहकार निम्स
देश के विश्वविद्यालय वैश्विक मांगों के अनुरूप बढ़े आगे : डॉ. आलोक मिश्रा,संयुक्त सचिव-भारतीय विश्वविद्यालय संघ
नई दिल्ली। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं निम्स विश्वविद्यालय के सलाहकार प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने नई दिल्ली में आज भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ आलोक मिश्रा से मुलाकात की। इस अवसर पर दोनों के मध्य देश में संचालित विभिन्न विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में विचार चर्चा का विचार विमर्श हुआ। प्रो. सिंह ने डॉ. मिश्रा को निम्स विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न अकादमिक गतिविधियों, पाठ्यक्रमों और नवाचारों से अवगत कराया। उन्होंने कहा की
विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. बी एस तोमर के दूरगामी दृष्टिकोण के अनुसार राजस्थान में निम्स विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अकादमिक उत्कृष्टता के साथ सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहा है। वैश्विक स्तर पर ख्याति अर्जित करने के साथ आज निम्स विश्वविद्यालय देश विदेश के विद्यार्थियों की पहली पसंद बन गया है।गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के सिद्धांत में दृढ़ विश्वास रखने वाला निम्स विश्वविद्यालय युवा मानव संसाधनों को नैतिक और नैतिक मूल्यों के साथ विकसित करके, उनके नेतृत्व गुणों, अनुसंधान संस्कृति और नवीन कौशल को बढ़ावा देकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के मार्ग पर निरंतर अग्रसर है।विश्वविद्यालय में अनुसंधान, परामर्श और नवाचार को हमारी सफलता के मुख्य स्तंभ है। हम निम्स के युवा विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन का अवसर देने के लिए मॉडल विकसित कर रहे हैं।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ आलोक मिश्रा ने निम्स विश्वविद्यालय के सेवा प्रकल्पों की सराहना की और इसे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कदम बताया। उन्होंने कहा की वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा परिदृश्य में दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण बदलाव और उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। भारत में भी उच्च शिक्षा ने वैश्विक मांगों को आसानी से अपना लिया है और प्रत्येक संस्थान ने शिक्षा के मोर्चे पर नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए कमर कस ली है। प्रौद्योगिकी एकीकरण के साथ अंतर-विषयक अध्ययन, अनुसंधान आधारित और इंटरैक्टिव शिक्षण की दिशा में कदम ने कई विकल्प खोले हैं और साथ ही कई चुनौतियां भी पैदा की हैं। भारत एक ऐसे मोड़ पर है जहां युवा पुरुषों और महिलाओं की एक बड़ी आबादी उच्च शिक्षा का विकल्प चुन रही है।विश्वविद्यालय विविध सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक माहौल में आपके जीवन के उद्देश्यों को पूरा करने में तत्परता से काम करें।
About Author
You may also like
-
Piyush Pandey, the creative force who transformed Indian advertising, passes away
-
सरकारी योजनाओं में सेंधमारी का ₹3 करोड़ का स्कैम, 70 पुलिस टीमों का ‘ऑपरेशन शटरडाउन’
-
हिंदुस्तान जिंक : दुनिया की सबसे गहरी मैराथन का इतिहास रचने की तैयारी, पृथ्वी की सतह से 1,120 मीटर नीचे होने जा रही है यह अनोखी दौड़
-
उदयपुर के प्रो. पीआर व्यास हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में 46वें अंतरराष्ट्रीय भूगोलवेत्ता सम्मेलन में होंगे प्रो. मूनिस रज़ा मेमोरियल लेक्चर के अध्यक्ष
-
लाखों लाल केकड़ों का वार्षिक सफ़र शुरू : क्रिसमस आइलैंड पर दिखा प्रकृति का अद्भुत नज़ारा