दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय 29 नवंबर 2010 को दर्ज एफआईआर पर लिया गया है, जिसे सुशील पंडित की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
क्या है मामला?
यह एफआईआर दिल्ली के एलटीजी ऑडिटोरियम में ‘आज़ादी – द ओनली वे’ नामक एक सम्मेलन में हुए कथित गतिविधियों को लेकर दर्ज की गई थी। इस सम्मेलन में कश्मीर को भारत से अलग करने के विचार का प्रचार किया गया था। सम्मेलन में सैयद अली शाह गिलानी, एसएआर गिलानी, अरुंधति रॉय, डॉ. शेख शौकत हुसैन और माओवादी समर्थक वरवर राव जैसे नेता शामिल थे।
आरोप है कि सम्मेलन में गिलानी और अरुंधति रॉय ने यह दावा किया कि कश्मीर कभी भी भारत का हिस्सा नहीं था और भारतीय सेना ने जबरन इसे कब्जा कर रखा है। शिकायतकर्ता ने सम्मेलन की रिकॉर्डिंग भी अदालत में प्रस्तुत की थी।
कानूनी प्रक्रिया
इस मामले में शिकायतकर्ता ने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत एमएम कोर्ट, नई दिल्ली में शिकायत दर्ज की थी, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच शुरू हुई।
वकील प्रशांत भूषण का बयान
अरुंधति रॉय के खिलाफ दिल्ली के उपराज्यपाल के इस फैसले पर जानेमाने वकील प्रशांत भूषण ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “एलजी ने कश्मीर की आज़ादी की वकालत करने के आरोप में अरुंधति रॉय के खिलाफ 14 साल पुरानी एफआईआर पर यूएपीए कानून के तहत अभियोजन की मंजूरी दे दी है। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने 2024 की हार से कुछ नहीं सीखा है। भारत को तानाशाही बनाने के लिए और भी अधिक दृढ़ संकल्पित!”
इस प्रकार, अरुंधति रॉय और डॉ. शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दिल्ली के उपराज्यपाल ने दे दी है, जिससे मामले में नई गतिविधियां और कानूनी कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है।
About Author
You may also like
-
जयपुर में ज्वलनशील पदार्थ से भरे टैंकर को ट्रक ने मारी टक्कर, पूरा इलाका आगे की लपटों में घिरा, 9 लोगों की जलने से मौत, 35 से ज्यादा झुलसे
-
नशीला पदार्थ देकर पत्नी के साथ बलात्कार करने वाले पति समेत 51 पुरुषों को सजा तो मिली पर कम मिली…यहां पढ़िए पूरी कहानी
-
उदयपुर पुलिस, यूट्यूबर पत्रकार और स्वास्थ्य अधिकारी : क्या है असल कहानी?
-
शिल्पग्राम महोत्सव 2024 : मणिपुरी लोक नृत्य ‘थौगोऊ जागोई’ और महाराष्ट्र का प्रसिद्ध ‘लावणी’ नृत्य करेंगे दर्शकों को मंत्रमुग्ध
-
उदयपुर में ट्रैम्पोलिन पार्क : सुरक्षा में लापरवाही या मनोरंजन का खतरा?