उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया। जगदीश देवड़ा और राजेश शुक्ला को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा स्पीकर बनाया गया है। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक फैसला ले लिया गया है। इसके साथ ही पूर्व सीएम शिवराज की विदाई तय हो गई है।
मध्य प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “…मैं केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं कि मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को यह जो जवाबदारी दी है… आपके प्यार और सहयोग से मैं अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने का प्रयास करूंगा।
मोहन यादव संघ के करीबी हैं और उनका मालवा से नाता है।अब राज्य की कमान शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव के हाथों में होगी।
बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण एवं पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा के साथ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद में शामिल हुए थे।
कौन है एमपी के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव -:
सन् 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष रहे। सन् 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख रहे थे। सन् 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन् 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री बने।
उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागों (अमेरिका) द्वारा महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया था। मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु सन् 2011-2012 एवं 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया गया था। सन् 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित किये गए। सन् 2018 में दूसरी बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए दिनांक 2 जुलाई, 2020 को मंत्री पद की शपथ ली थी।
राज्य की 230 विधानसभा सीटों के चुनाव में भाजपा को 143 स्थान पर जीत मिली है।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में राज्य में नया प्रयोग किया था और तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को चुनाव मैदान उतारा था, इनमें से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सांसद गणेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा है। जबकि, अन्य सभी जीत गए हैं। विधानसभा का चुनाव जीतने वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व प्रह्लाद पटेल के अलावा सांसद रीति पाठक, राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है।
राज्य में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार के नाम की चर्चा में थे। इनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल के अलावा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रमुख थे।परन्तु भाजपा आलाकमान ने उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव मुख्यमंत्री चुना है।
मध्यप्रदेश में नरोत्तम मिश्रा समेत शिवराज सरकार के 12 मंत्री हारे थे:
राज्य सरकार के 12 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। शिवराज मंत्रिमंडल के हारने वाले मंत्रियों में दतिया से डॉ. नरोत्तम मिश्रा, हरदा से कमल पटेल, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसौदिया, बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, अटेर से अरविंद सिंह भदौरिया, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन, ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाह, अमरपाटन से रामखेलावन पटेल, पारसवाड़ा से राम किशारे नानो कांवरे, पोहरी से सुरेश धाकड़, खरगापुर से राहुल सिंह लोधी शामिल हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी चुनाव हार गए हैं।
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