एआई प्रक्रियाओं को मजबूत बना सकता है, लेकिन करुणा और आत्मीयता का विकल्प नहीं : डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़

आईआईएम नागपुर में ‘उत्कर्ष 7.0’ एचआर सम्मेलन सम्पन्न, एआई और स्वचालन के दौर में मानव संसाधन की नई दिशाओं पर चर्चा


नागपुर/उदयपुर। भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) नागपुर का वार्षिक एचआर सम्मेलन ‘उत्कर्ष 7.0’ शनिवार को मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य एवं महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ।
सम्मेलन में देशभर के 21 से अधिक एचआर विशेषज्ञ, शिक्षाविद और उद्योग जगत की दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं। इस दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और ऑटोमेशन के मानव संसाधन के भविष्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर गहन मंथन हुआ।


डॉ. मेवाड़ ने अपने संबोधन में कहा—“तकनीक चाहे जितनी आगे बढ़ जाए, लेकिन नेतृत्व का आधार सदैव मानवता और विनम्रता ही रहेगा। एआई कार्यप्रणाली को मजबूत बना सकता है, परंतु मानवीय भावनाओं, करुणा और आत्मीयता का स्थान कभी नहीं ले सकता। संबंधों की सार्थकता संवेदनाओं पर आधारित होती है, और यही संवेदना रिश्तों को गहरा व अर्थपूर्ण बनाती है।”
इस वर्ष सम्मेलन का विषय था —“एआई और ऑटोमेशन के युग में सीमाओं से परे एचआर”


प्रतिभागियों ने इस विचार पर सहमति जताई कि एआई सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक परिवर्तन भी है, जो कार्यप्रणालियों, कार्यबल की क्षमताओं और कार्यस्थलों की संरचना को नई दिशा दे रहा है।


सम्मेलन में आईआईएम नागपुर के निदेशक डॉ. भीमराय मेट्री, बिरला समूह के संयुक्त अध्यक्ष अशोक तिवारी, सुज़ुकी आरएंडडी के एचआर प्रमुख मुशर्रत हुसैन, प्रो. प्रशांत गुप्ता, प्रो. आलोक कुमार सिंह, प्रो. शैलेन्द्र निगम और प्रो. प्रकाश अवस्थी सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

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