खून साफ, कब्ज की छुट्टी: सर्दियों में बथुआ खाने के तमाम फायदे

नई दिल्ली। सर्दियों के मौसम में पेट और पाचन का ख्याल रखना बेहद जरूरी है, और इसमें आपकी मदद करता है बथुआ—एक ऐसी पत्तेदार सब्जी जिसे ‘सागों का राजा’ भी कहा जाता है। आयुर्वेद में इसे पाचन तंत्र को दुरुस्त करने और शरीर को ताकत देने वाला माना गया है।

बथुआ का उपयोग रायते, पराठे, दाल और सब्जियों में आसानी से किया जा सकता है। इसे खाने से न केवल स्वाद बढ़ता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। न्यूट्रिशनिस्ट अंशी राज महाजन के अनुसार, 100 ग्राम बथुआ में 4 ग्राम प्रोटीन, 7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, और 0.8 ग्राम फैट होता है। इसके साथ ही यह विटामिन, खनिज, फाइबर, और ओमेगा-3 फैटी एसिड का भी अच्छा स्रोत है।

पाचन और वजन घटाने में मददगार

बथुआ में मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर करता है और पेट की सफाई में मदद करता है। इसमें पानी की अधिक मात्रा होने के कारण यह शरीर को हाइड्रेट रखने और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक है। वजन बढ़ने की चिंता करने वालों के लिए यह वरदान है, क्योंकि यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और ज्यादा खाने की इच्छा को नियंत्रित करता है।

हड्डियों और लिवर के लिए फायदेमंद

इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है। नियमित रूप से इसका सेवन लिवर को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। न्यूट्रिशनिस्ट महाजन का सुझाव है कि अगर रोजाना 100 एमएल बथुए का जूस पिया जाए, तो लिवर की कार्यक्षमता बेहतर होती है और हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है।

सर्दियों का खास तोहफा

बथुआ न केवल सर्दियों में स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि इसे अपने भोजन में शामिल करके आप पूरे मौसम में ऊर्जा और सेहतमंद जीवन का आनंद ले सकते हैं। इसे सही मायनों में “गुणों की खान” कहा जा सकता है, जो आपकी सेहत को हर तरह से संवारता है।

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