मुंबई। भारत की अग्रणी प्राकृतिक संसाधन कंपनी वेदांता लिमिटेड ने देश की औद्योगिक और आर्थिक आकांक्षाओं को नई ऊर्जा देते हुए अपनी विकास रणनीति की घोषणा की है। कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल द्वारा घोषित “3डी रणनीति” — डीमर्जर, डाइवर्सिफिकेशन और डी-लीवरेजिंग— केवल कॉर्पोरेट पुनर्गठन नहीं, बल्कि भारत को वैश्विक आर्थिक नेतृत्व दिलाने की एक दूरदर्शी पहल है।
1. डीमर्जर से वैश्विक स्केल की कंपनियों का उदय
वेदांता की डीमर्जर योजना के तहत कंपनी अपनी प्रमुख व्यावसायिक इकाइयों को स्वतंत्र कंपनियों के रूप में स्थापित कर रही है। इसका आर्थिक विश्लेषण कहता है कि इस कदम से प्रत्येक डिवीजन में $100 बिलियन (₹8.35 लाख करोड़) के मूल्य की संभावना बन रही है। इससे केवल निवेशकों को वैल्यू अनलॉक करने का अवसर नहीं मिलेगा, बल्कि इन कंपनियों को अपने-अपने क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का प्लेटफॉर्म मिलेगा।
इकोनॉमिक इंपैक्ट: इससे पूंजी बाजार में तरलता बढ़ेगी, FDI आकर्षित होगी और इक्विटी वैल्यूएशन में पारदर्शिता आएगी।
2. डाइवर्सिफिकेशन: बहुआयामी आर्थिक विस्तार की रणनीति
वेदांता अब पारंपरिक खनिज खनन से आगे बढ़ते हुए रेअर अर्थ मेटल्स, क्लीन एनर्जी, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी उतर रही है। इससे भारत की क्रिटिकल मेटल्स चेन को वैश्विक निर्भरता से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की आवश्यकताओं को देश में ही पूरा किया जा सकेगा।
इकोनॉमिक इंपैक्ट: आय के विविध स्रोत विकसित होंगे, सेक्टरल रिस्क कम होगा और उच्च-प्रवृत्त औद्योगिक क्षेत्रों में GDP का योगदान बढ़ेगा।
3. डी-लीवरेजिंग: वित्तीय स्थिरता और निवेश के लिए नई ऊर्जा
वेदांता ने कर्ज कम करने (डी-लीवरेजिंग) की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। इससे कंपनी की क्रेडिट रेटिंग बेहतर होगी, बॉन्ड मार्केट में साख बढ़ेगी और निवेश पर रिटर्न में निरंतरता बनी रहेगी।
इकोनॉमिक इंपैक्ट: मजबूत बैलेंस शीट से नई परियोजनाओं को कम लागत पर पूंजी मिलेगी, जिससे निवेश का चक्र गति पकड़ेगा।
औद्योगिक बुनियादी ढांचे में क्रांति
वेदांता द्वारा विश्व का पहला औद्योगिक जिंक पार्क और भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम पार्क स्थापित करना एक क्रांतिकारी कदम है। यह MSME सेक्टर को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत करेगा।
इकोनॉमिक इंपैक्ट : लाखों रोजगार सृजित होंगे, मेक इन इंडिया को नई गति मिलेगी और क्षेत्रीय आर्थिक असंतुलन में संतुलन आएगा।
स्टार्टअप इकोसिस्टम को बल : 1000 डीप-टेक स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी
वेदांता की रणनीति का एक और उज्ज्वल पहलू है 1000 डीप-टेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना। यह भारत को न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा बल्कि हार्डवेयर व मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई दिशा देगा।
इकोनॉमिक इंपैक्ट : इससे भारत तकनीकी अनुसंधान और इनोवेशन में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की स्थिति में होगा। यह भारत को चीन और अमेरिका जैसे नवाचार केंद्रों की बराबरी में ला सकता है।
ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में आत्मनिर्भर भारत
कंपनी के पोर्टफोलियो में क्लीन एनर्जी मेटल्स का बड़ा हिस्सा है, जिनकी मांग EVs, सोलर पैनल्स और बैटरियों में तेजी से बढ़ रही है। वेदांता ने इस दिशा में 10 प्रमुख खनिज ब्लॉक हासिल किए हैं, जो निजी क्षेत्र में सबसे अधिक हैं।
इकोनॉमिक इंपैक्ट : भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बल मिलेगा और वैश्विक ग्रीन एनर्जी चेन में भारत एक निर्णायक स्थान हासिल करेगा।
महिला नेतृत्व और सामाजिक समावेशन
वेदांता ने अपने 1 लाख कर्मचारियों में से 22% महिलाएं और 28% नेतृत्व पदों पर महिलाएं रखी हैं, जो कॉर्पोरेट भारत में लैंगिक समानता की दिशा में एक आदर्श उदाहरण है।
इकोनॉमिक इंपैक्ट : महिला भागीदारी से सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलती है, जिससे GDP में दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
स्थिरता और ESG (Environmental, Social, Governance) में वैश्विक मान्यता
हिंदुस्तान जिंक को वैश्विक धातु उद्योग में शीर्ष स्थान मिला है।
वेदांता एल्युमिनियम को S&P Global Sustainability Assessment 2024 में दूसरा स्थान मिला है।
Net Zero 2050 लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता कंपनी के ESG प्रोफाइल को और सशक्त बनाती है।
इकोनॉमिक इंपैक्ट: पर्यावरण के प्रति संवेदनशील निवेशकों का भरोसा और ग्रीन बांड जैसी वैकल्पिक वित्त योजनाएं आकर्षित होती हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में निवेश : वेदांता यूनिवर्सिटी
अनिल अग्रवाल ने अपने जीवन के सपने — एक विश्वस्तरीय शिक्षा संस्थान ‘वेदांता यूनिवर्सिटी’ की घोषणा की है। हार्वर्ड जैसी गुणवत्ता के अनुसंधान व शिक्षण संस्थान की स्थापना भारत को नॉलेज इकोनॉमी बनाने की दिशा में निर्णायक कदम होगा।
इकोनॉमिक इंपैक्ट : यह टैलेंट रिटेंशन, ब्रेन गेन और इनोवेशन आधारित आर्थिक विकास को गति देगा।
वित्तीय प्रदर्शन : निवेशकों के लिए विश्वसनीय संपत्ति
वित्त वर्ष 2024-25 में वेदांता का कुल राजस्व ₹1,50,725 करोड़ और एबिटा ₹43,541 करोड़ रहा। कंपनी ने 87% रिटर्न देकर निफ्टी 100 में शीर्ष धन-सर्जकों में जगह बनाई।
इकोनॉमिक इंपैक्ट : भारत की इक्विटी संस्कृति को प्रोत्साहन, घरेलू निवेशकों का आत्मविश्वास और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में वृद्धि।
वेदांता का रोडमैप भारत के आर्थिक भविष्य का ब्लूप्रिंट
वेदांता की “3डी रणनीति” न केवल कॉर्पोरेट विकास की कहानी है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत, रोजगार सृजन, प्रौद्योगिकी विकास, ऊर्जा संक्रमण, और टिकाऊ अर्थव्यवस्था की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ एकीकृत है। यह स्पष्ट है कि कंपनी का यह कदम भारत को संसाधन आधारित सुपरपावर बनाने के दीर्घकालिक लक्ष्य में एक मजबूत ईंट जोड़ रहा है।
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