रणवीर अलाहबादिया केस: सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत, नए शो पर रोक

नई दिल्ली। यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर अलाहबादिया को सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिली है। मंगलवार को शीर्ष अदालत ने उनके खिलाफ असम और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। हालांकि, अदालत ने आदेश दिया कि अल्लाहबादिया को अपना पासपोर्ट ठाणे पुलिस को जमा करना होगा और उन्हें यूट्यूब या अन्य प्लेटफॉर्म पर नए शो प्रसारित करने से भी रोक दिया गया है।

इससे पहले, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने अलाहबादिया सहित अन्य सहयोगियों को समन जारी किया था। आयोग ने उन्हें 6 मार्च को पेश होने के लिए कहा है। वहीं, विवादित शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में की गई टिप्पणी को लेकर बढ़ते विवाद के बीच कॉमेडियन समय रैना ने शो के सभी एपिसोड यूट्यूब से हटा दिए हैं।

कोर्ट की कड़ी टिप्पणी : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान रणवीर अलाहबादिया की टिप्पणियों की निंदा की, इसे “अश्लील और शर्मनाक” करार दिया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में अब आगे कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी।

जांच और पूछताछ जारी : मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने अल्लाहबादिया को 24 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। कॉमेडियन समय रैना को मुंबई पुलिस ने 10 मार्च तक पेश होने का निर्देश दिया है।

NCW ने अपूर्वा मुखीजा, आशीष चंचलानी, तुषार पुजारी और सौरभ बोथरा को 6 मार्च और समय रैना, जसप्रीत सिंह व बलराज घई को 11 मार्च को पेश होने के लिए कहा है।

रणवीर का दावा – “मुझे धमकियां मिल रही हैं”

रणवीर अलाहबादिया ने 15 फरवरी को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर दावा किया कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मां के क्लिनिक पर मरीज बनकर कुछ लोग हमला कर रहे हैं।

अलाहबादिया का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रख रहे वरिष्ठ वकील
रणवीर अल्लाहबादिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के बेटे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ पैरवी कर रहे हैं।

मामले पर आगे की सुनवाई जारी
सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद अब मामले की अगली सुनवाई और जांच पर सभी की निगाहें टिकी हैं। पुलिस और अन्य एजेंसियां इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही हैं।

 

 

 

 

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