शिल्पग्राम में तीन दिवसीय नाट्य समारोह : ‘त्रियात्रा’ ने बांधा समां, कलाकारों का बेजोड़ अभिनय

उदयपुर। शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में तीन दिवसीय नाट्य समारोह का अंतिम दिन ‘त्रियात्रा’ नाटक के मंचन के साथ समाप्त हुआ। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा आयोजित इस समारोह में दर्शकों ने कला और साहित्य की बेहतरीन झलक देखी। नाटक का निर्देशन गगन मिश्रा और प्रिदयदर्शिनी मिश्रा ने किया, जिसमें तीन अलग-अलग देशों के तीन लेखकों की कहानियों को एक सूत्र में पिरोया गया था।

‘त्रियात्रा’: तीन कथाओं का अनोखा संगम

‘त्रियात्रा’ नाटक अपने आप में अनूठा था। इसमें अमेरिका के प्रसिद्ध लेखक ओ. हेनरी की कहानी ‘बारबर शॉप’, गगन मिश्रा की ‘अंत की शुरुआत’ और रूस के मक्सिम गोर्की की ‘उसका प्रेमी’ को एक साथ जोड़ा गया। इन तीनों कहानियों में मानवीय स्वभाव और भावनाओं का गहरा चित्रण किया गया, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है। ओ. हेनरी की हास्य से भरपूर कहानी दर्शकों को गुदगुदाती है, जबकि गगन मिश्रा की कहानी एक गंभीर मुद्दे—लेखन की सत्यता और सृजनात्मकता पर सवाल उठाती है। वहीं, मक्सिम गोर्की की मार्मिक कहानी प्रेम और पीड़ा के जटिल संबंधों को उकेरती है, जो भावनाओं के गहरे रस में डुबो देती है।

सजीव अभिनय और प्रभावशाली प्रस्तुति

नाटक में कलाकारों का अभिनय बेजोड़ था। हर पात्र ने अपने किरदार को इतनी सजीवता से निभाया कि दर्शक उनकी भावनाओं के साथ जुड़ गए। चाहे वह हंसी के पल हों या दर्द के, हर दृश्य ने दर्शकों को पूरी तरह से बांधे रखा। नाटक के अंत में कलाकारों का सम्मान किया गया, और दर्शकों ने खड़े होकर तालियों के साथ उनके प्रदर्शन की सराहना की।

समारोह का समापन

इस अवसर पर पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक फुरकान खान सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे। समारोह का संचालन दुर्गेश चांदवानी ने किया, जिन्होंने अपनी शैली से कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संजोया।

‘त्रियात्रा’ केवल एक नाटक नहीं था, बल्कि यह मानवीय भावनाओं का एक ऐसा चित्रण था, जिसमें हास्य, पीड़ा, और सत्य की परतें खुलती चली गईं। यह नाटक इस बात का उदाहरण है कि कला कैसे सीमाओं से परे जाकर समाज के गहरे सवालों को उठाती है।

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