
उदयपुर। मार्तण्ड फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत नाटक “सिरफिरों का घर” का मंचन दर्शकों के लिए भावनात्मक अनुभव लेकर आया। नाटक में एक परिवार – पिता, माँ और बेटे – की पीढ़ियों के बीच टकराव, रिश्तों के खट्टे-मीठे स्वर और अंततः प्रेम की डोर में बंधने की कहानी दिखाई गई।
कथा में बेटा अपनी गैर-गंभीर प्रवृत्ति और बार-बार नौकरी बदलने की आदत से पिता से भिन्न नजर आता है। अनुशासनप्रिय और नकारात्मक सोच रखने वाला पिता अक्सर बेटे का मज़ाक उड़ाता है, जबकि माँ करुणा और समझदारी का सेतु बनकर दोनों के बीच संतुलन कायम रखती है। नाटक का संदेश यह रहा कि मतभेदों के बावजूद जीवन अंततः सबको प्रेम से जोड़ देता है।

संगीत, मूकाभिनय, कठपुतली, मुखौटे, इतिहास और कविता का संगम इस प्रस्तुति को और भी प्रभावशाली बनाता है। नाटक के माध्यम से हमारे पारंपरिक मूल्यों और संस्कृति के प्रति संवेदना भी व्यक्त की गई।

नाटक में योगदान
• तकनीकी सहयोग : दीपेश शर्मा, धर्मेश शर्मा
• संगीत : सामर्थ जनवे
• अभिनेता : मनीष शर्मा, किरण जनवे, अमित मेनारिया, विलास जनवे
• निर्माण : मार्तण्ड फाउंडेशन, उदयपुर
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