चित्रांकन म्यूरल आर्ट कैंप : उत्कृष्ट कलाकृतियों से बना आध्यात्मिक वातावरण 

उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्वारा शिल्पग्राम के संगम सभागार में चल रहे 15 दिवसीय चित्रांकन म्यूरल आर्ट कैंप का समापन रविवार को हुआ। केरल से आए 21 कलाकारों ने केनवास पर विभिन्न देवी-देवताओं के चित्रों का प्रदर्शन किया। मंदिर कला से प्रभावित इन पेंटिंग में स्थानीय देवी-देवताओं और पौराणिक प्रसंगों का समावेश था तथा प्रत्येक द्वारा तीन-तीन कलाकृतियां बनाई गई जो कि सुंदर आकृति और रंग संयोजन के कारण हर पेंटिंग बिल्कुल सजीव लग रही है।


पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की निदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि विलुप्त हो रही इस कला को पुनर्जीवित एवं संरक्षित करने हेतु इस आर्ट कैंप में कलाकारों ने केरला की परंपरागत चित्रकला केरला म्यूरल आर्ट को केनवास पर उकेरा। संगम हॉल में लगाए गए कलाकृतियों के प्रदर्शन को निहारते हुए कहा कि यह एक आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण कर रहा है। अजंता एलोरा की गुफाओं और प्राचीन मंदिरों के चित्रों की भांति इस शिविर की बनी कलाकृतियों में कला रसिकों को आकर्षित कर रहे है।


3 जुलाई से चल रहे इस केम्प में 63 कलाकृतियों की रचना हुई। तैयार कलाकृतियों की प्रदर्शनी रविवार को शिल्पग्राम मेें लगाई गई। समापन समारोह पर हर कलाकार ने अपना अनुभव साझा करते हुए शिल्पग्राम के नैसर्गिक वातावरण की प्रशंसा की। वरिष्ठ म्यूरल कलाकार रवीन्द्रन और अनिल कुमार ने केन्द्र को इस अनुपम गतिविधि के लिए बधाई दी। शिविर के संयोजक शूरवीर सिंह ने केरल से आए कलाकारों का आभार व्यक्त किया। संचालन दुर्गेश चांदवानी एवं सिद्धांत भटनागर ने किया। इस अवसर पर अनुराग मेहता, वंदना जोशी, विलास जानवे, दीपक चौहान, हेमंत मेहता, बी.एल. नलवाया, चन्द्रशेखर सुखवाल, महेन्द्र सिंह गहलोत, विवेक पारेख, प्रभुलाल गायरी, नारायण लाल डांगी, सुनिल निमावत आदि उपस्थित थे।
ये है 21 कलाकारः अनिल अष्टमुडी, अश्वथी अशोक, बिजू आर., सेलिन जेकब वी., कृष्णा कुमार, महेश एम.के., प्रभात एम., राहुल पी.वी.,  राहुल के., रवींद्रन चंदनथोपे, रेम्या ए.के., रंजीत पी., अनु अमृता, सरिथा एम. एस., शिबिना,  शिबू अनयादि,  शिबू चान,  स्नेहा रंजीत, वसंता कुमारी, विमला रंजीत राज पवि।

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