
बीकानेर। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अब आर-पार की नीति अपना ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर से पाकिस्तान को सीधे लहजे में चेताया है—अगर आतंकियों का एक्सपोर्ट जारी रहा, तो पाकिस्तान को पाई-पाई को मोहताज कर देंगे। भारत का हक़ का पानी रोका जाएगा और हर आतंकी हमले की भारी कीमत अब पड़ोसी मुल्क को चुकानी होगी।
प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि अब पाकिस्तान से न कोई व्यापार होगा, न कोई बातचीत—अब अगर बात होगी, तो सिर्फ PoK की होगी। “भारत का ये संकल्प अटल है, और दुनिया की कोई ताकत हमें इससे डिगा नहीं सकती।”
22 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों का खात्मा
बीकानेर में आयोजित जनसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 मई को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने सिर्फ 22 मिनट में आतंकियों के 9 सबसे बड़े ठिकानों को तबाह कर दिया। यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ था—जो आतंकवाद के खिलाफ भारत का नया रौद्र रूप है।
“जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिला दिया गया। जो लहू बहाते थे, उनसे कतरे-कतरे का हिसाब चुकाया गया।” प्रधानमंत्री ने साफ कहा—अब भारत आतंकी आकाओं और उन्हें शह देने वाली सरकार में कोई फर्क नहीं करेगा। पाकिस्तान का ‘स्टेट और नॉन-स्टेट एक्टर्स’ का खेल अब नहीं चलेगा।
“अब मोदी की नसों में लहू नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा है”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मोदी का दिमाग ठंडा है, लेकिन लहू गर्म है। अब मोदी की नसों में खून नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा है।”
उन्होंने याद दिलाया कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी उनकी पहली सभा राजस्थान की वीरभूमि पर हुई थी। और अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भी पहली सभा यहीं बीकानेर में हो रही है—यह वीरभूमि का तप है, संयोग नहीं संदेश है।
तीन सूत्रीय नीति :
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ तीन सूत्र साफ-साफ गिनाए :आतंकी हमला होगा, तो जवाब भी होगा—समय, तरीका और शर्तें भारत की होंगी। एटम बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरता नहीं। आतंकी और उनकी सरकार एक ही हैं, उन्हें अब अलग नहीं देखा जाएगा।
पाकिस्तान को नहीं मिलेगा भारत का पानी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अब भारत के हिस्से का पानी नहीं मिलेगा। भारत नदियों को जोड़ रहा है, सिंचाई परियोजनाएं पूरी कर रहा है।
“पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना” से राजस्थान के कई जिलों को लाभ होगा। यह सरकार न सिर्फ जवाब दे रही है, बल्कि ज़मीन पर विकास भी कर रही है।
जनता से वादा: “देश न झुकने दूंगा, न मिटने दूंगा”
सभा के अंत में प्रधानमंत्री ने चुरू की वह ऐतिहासिक लाइन दोहराई—”सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।”