अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत आदिवासियों को 6.5 प्रतिशत पृथक आरक्षण के लिए भरी हुंकार

अनुसूचित क्षेत्र आदिवासी आरक्षण संघर्ष समिति ने विभिन्न मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
उदयपुर। राज्य के कुल जनजाति आरक्षण 12 प्रतिशत में से अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत आदिवासियों को 6.5 प्रतिशत पृथक आरक्षण राज्य प्रशासनिक सेवा एवं अन्य सेवाओं में मिले तथा अनुसूचित क्षेत्र की विभिन्न भर्तियों में आरक्षण विसंगतियों को सही करने तथा जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग को लेकर उदयपुर संभाग के जनजाति जनप्रतिनिधियों और प्रबुद्धजनों ने रविवार को संभागीय मुख्यालय, उदयपुर पर प्रदर्शन कर संभागीय आयुक्त एवं जनजाति आयुक्त को ज्ञापन सौंपा ।

संभागीय मुख्यालय, उदयपुर चेटक सर्कल पर बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, प्रतापगढ़ जिलों के जनजाति युवा एकत्र होकर पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा, पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया, विधायक नगराज मीणा विधायक, पूर्व कुलपति टी.सी. डामोर बिछीवाड़ा प्रधान देवराम रोत जयसमंद प्रधान गंगाराम मीणा, सोमेश्वर मीणा, डॉ. मानसिंह निनामा, नगरपालिका अध्यक्ष के.बी. मीणा, सुहागपुरा प्रधान भरत पारगी, सुनील भजात पी.सी.सी. सदस्य बंशीलाल डामोर, विक्रम कटारा, पूर्व प्रधान लक्ष्मण कोटेड़, रूपलाल मीणा, घुलीराम मीणा प्रधान झल्लारा, वीरसिंह रावत, रामलाल मीणा सरपंच साकथली एवं कई सरपंचों, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा।बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ता एकत्र होकर प्रदर्शन कर मोहता पार्क, चेतक सर्कल से पैदल चलकर संभागीय आयुक्त कार्यालय तक पहुँचे जहां रैली सभा में परिवर्तित हुई । इस दौरान सभी प्रदर्शनकारियों ने संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट (आई.ए.एस.) एवं जनजाति आयुक्त मनीष मयंक (आई.ए.एस.) को ज्ञापन सौंपकर सरकार से मांग की कि अनुसूचित क्षेत्र में प्रदत्त आरक्षण में विसंगतियों को दूर करें एवं राज्य सेवाओं में राजस्थान के 12 प्रतिशत जनजाति आरक्षण में से 6.5 प्रतिशत अनुसूचित क्षेत्र हेतु दिया जाए ताकि इस क्षेत्र के प्रतिभावान युवाओं को राज्य सेवाओं में अवसर मिल सके। ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि टी.एस. पी. में लागू क्लोज कैडर को समाप्त करें तथा 4 जुलाई 2016 की अधिसूचना को हटाया जाए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संभाग भर के आदिवासी प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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