
उदयपुर। ट्रांसपोर्ट नगर की रात उस वक्त सन्नाटे से भर गई, जब गोवर्धनविलास थाना पुलिस और जिला स्पेशल टीम ने एक गुप्त सूचना पर संयुक्त कार्रवाई की। सूचना थी कि ट्रांसपोर्ट कंपनी के जरिए प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की एक बड़ी खेप उदयपुर पहुंच चुकी है, जिसे ग्रामीण इलाकों में खपाने की तैयारी है।
27 दिसंबर 2025 की रात, पुलिस टीम पुण्या ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन, बलीचा पहुंची। जैसे ही पुलिस जाप्ता गोदाम के भीतर दाखिल हुआ, वहां मौजूद एक युवक पुलिस को देखकर घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसे दबोच लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम पुष्करराज डांगी (31), निवासी डिमडा, थाना वल्लभनगर बताया और खुद को पार्थ इंटरप्राइजेज का फर्म मालिक बताया।
पुलिस को शक गहराया। युवक ने स्वीकार किया कि वह दवाइयों की डिलीवरी लेने आया है। मौके पर औषधि नियंत्रण अधिकारी को बुलाया गया। उनकी मौजूदगी में गोदाम की तलाशी ली गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। ट्रांसपोर्ट के गोदाम में कुल 29 कार्टन रखे मिले, जिनमें 3820 शीशियां कोडीन युक्त सिरप की थीं।
जांच में सामने आया कि यह खेप अहमदाबाद की अलग-अलग फार्मा कंपनियों से उदयपुर की पार्थ इंटरप्राइजेज और सिद्धार्थ फार्मेसी के नाम पर भेजी गई थी। औषधि नियंत्रण अधिकारी ने पुष्टि की कि इन शीशियों में मौजूद Codeine Phosphate एक ओपियम डेरिवेटिव है, जो एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित मादक पदार्थ की श्रेणी में आता है। जबकि पुष्करराज डांगी के पास केवल सामान्य खुदरा औषधि लाइसेंस था, एनडीपीएस श्रेणी की दवाइयों की खरीद-बिक्री की अनुमति नहीं थी।
पुलिस पूछताछ में पुष्करराज डांगी टूट गया। उसने कबूल किया कि उसने अपने साथी नरेश डांगी के साथ मिलकर यह नशीली दवाइयां मंगवाई थीं और दोनों मिलकर इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में नशा करने वालों को बेचते थे। पुलिस ने मौके पर ही उसे गिरफ्तार कर लिया और एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/21 के तहत मामला दर्ज किया गया।
इस कार्रवाई में गोवर्धनविलास थाना पुलिस और जिला स्पेशल टीम की सतर्कता से एक बड़े नशे के नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। ट्रांसपोर्ट के जरिए समाज में जहर घोलने की साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया गया, लेकिन यह मामला एक बार फिर यह सवाल छोड़ गया कि नशे का यह कारोबार कितनी गहराई तक अपनी जड़ें जमा चुका है।
अफसर व पुलिस टीम :
इस सफल कार्रवाई में गोवर्धनविलास थाना प्रभारी पु.नि. दिलीप सिंह झाला के नेतृत्व में उप निरीक्षक अर्जुन लाल, कांस्टेबल नरेश कुमार, कांस्टेबल सुरेन्द्र सिंह, कांस्टेबल अंकित सिंह, कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह, कांस्टेबल जसवंत सिंह शामिल रहे, वहीं जिला स्पेशल टीम की ओर से सहायक उप निरीक्षक विक्रम सिंह प्रभारी जिला स्पेशल टीम, हैडकांस्टेबल अखिलेश्वर कुमार, हैडकांस्टेबल गणेश सिंह, हैडकांस्टेबल योगेश कुमार, हैडकांस्टेबल हितेन्द्र सिंह, हैडकांस्टेबल जगदीश कुमार, कांस्टेबल मुकेश कुमार, कांस्टेबल जितेन्द्र दीक्षित, कांस्टेबल शक्ति सिंह, कांस्टेबल सुमेर सिंह एवं कांस्टेबल कमलेश ने अहम भूमिका निभाई।
Keywords : NDPS Act, Codeine Syrup Seizure, Drug Trafficking, Transport Company Drug Racket, Udaipur Police Action, Narcotics Crime, Illegal Drug Supply, Rural Drug Network
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